जांच एजेंसियों की सीमा पर न्यायालय की टिप्पणी
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हाल ही में उच्च्तम न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी के पड़ताल के तरीके की शिकायत की सुनवाई करते हुए एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। न्यायालय का कहना है कि एजेंसी अपना काम करे, लेकिन डर का वातावरण न बनाए।
यह मामला छत्तीसगढ़ सरकार से संबंधित है। दो हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाले से जुड़े धनशोधन के आरोपों की पड़ताल करते हुए प्रवर्तन निदेशाालय बहुत आपाधापी में काम कर रहा है। ऐसा लग रहा है कि उसका उद्देश्य मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को फंसाना है। राज्य के कई आबकारी अधिकारियों को गिरफ्तारी की धमकी दी जा रही है।
उच्चतम न्यायालय ने इस पक्ष पर महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा है कि जांच के क्रम में इस प्रकार के व्यवहार से एक वास्तविक कारण भी संदिग्ध हो जाता है।
इससे पहले भी प्रवर्तन निदेशालय की कार्यशैली पर सवाल उठ चुके हैं। जांच एजेंसियों की सीमा को लेकर भी न्यायालयों ने कई बार स्पष्ट टिप्पणियां की हैं। इसके बावजूद प्रवर्तन निदेशालय के तरीके को लेकर न्यायालय में लगाए गए आरोपों से उसकी साख को ही नुकसान पहुंच रहा है। पिछले कुछ सालों में जांच एजेंसियों पर लगातार आरोप लगाए जा रहे हैं कि ये सरकार के इशारे पर काम कर रही हैं। हालांकि इस प्रकार के आरोप सभी के दौर में लगते रहे हैं। जरूरत इस बात की है कि किसी भी जांच एजेंसी के दायित्वों और कार्यशैली को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच भरोसा मजबूत हो।
विभिन्न समाचार पत्रों पर आधाारित। 18 मई, 2023