जनसंख्या गतिशीलता में बदलाव के लिए नीतिगत बदलाव जरूरी

Afeias
08 Oct 2025
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कुछ तथ्य –

  • नमूना पंजीकरण प्रणाली अर्थात सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम की सांख्यिकीय रिपोर्ट के अनुसार, देश की क्रूड बर्थ रेट या सीबीआर या अशोधित जन्म दर और कुल प्रजनन दर में गिरावट के संकेत हैं।
  • 2023 के एसआरएस डेटा के अनुसार, 1000 लोगों पर वार्षिक जीवित जन्म की संख्या 2022 के 19.1 से घटकर 18.4 रह गई है।
  • देश की कुल प्रजनन दर भी 2021 और 2022 में 2.0 थी, जो अब 1.9 रह गई है।
  • इनमें भी क्षेत्रीय अंतर हैं। बिहार की कुल प्रजनन दर 2.8 है, और दिल्ली की सबसे कम 1.2 दर्ज की गई है। अठारह राज्यों में यह प्रतिस्थापन स्तर 2.1 से नीचे थी।
  • 46 अरब से ज्यादा लोगों की आबादी वाले देश में, मौजूदा गिरावट के रुझान का जनसंख्या पर असर पड़ने में कई साल लगेंगे। लेकिन हमें अलग भविष्य की तैयारी भी करते रहना चाहिए। यह भविष्य बढ़ती बूढ़ी आबादी के साथ वित्तीय, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियाँ लेकर आएगा। एक युवा राष्ट्र को बढ़ती बुजुर्ग आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर पुनर्गठन की आवश्यकता होगी, और इसकी शुरूआत अभी से की जानी चाहिए।

‘द हिंदूमें प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 8 सितंबर, 2025