सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के समक्ष वर्तमान चुनौतियाँ तथा उसके समाधान

Afeias
13 Sep 2025
A+ A-

To Download Click Here.

हमारे प्रधानमंत्री ने ट्रंप की टैरिफ चुनौती के कारण एमएसएमई में आने वाले संभावित चुनौतियों को देखते हुए देश से स्वदेशी वस्तुएँ अपनाने का आह्वान किया। स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में वस्तु एवं सेवाकर के सरलीकरण की भी घोषणा की। इससे भी एमएसएमई को लाभ होगा।

एमएसएमई के समक्ष चुनौतियाँ –

  • ट्रंप के 50% टैरिफ के कारण एक अनुमान के अनुसार एमएसएमई के 30 अरब डॉलर के निर्यात पर सीधा असर पडे़गा। इसमें कपड़ा, रत्न, रसायन व चमड़ा उद्योग के क्षेत्र शामिल हैं।
  • अमेरिकी खरीदार भारत के लिए अपने निर्यात आदेशों को बदल रहे हैं, जिससे बहुत से रोजगार खतरे में पड़ गए हैं।
  • कई बैंक इन्हें ऋण नहीं दे रहे हैं।
  • इनके सामने डिजिटल ढाँचा, कुशल श्रमिक, बाजार तक पहुँच, फंडिंग की कमी, टेक्नालाजी, सप्लाई चेन, डाटा सुरक्षा तथा स्किल डेवलपमेंट जैसी चुनौतियाँ भी हैं।
  • आईटी सेक्टर से जुड़े स्टार्टअप्स के समक्ष व्यावहारिक मार्गदर्शन, एक्सेस और प्रारंभिक निवेश की भी चुनौती है।
  • खाद्य प्रसंस्करण जैसे उद्यमों में खराब तकनीक और कमजोर लाजिस्टिक के साथ-साथ गुणवत्ता भी चुनौती है।
  • ऊर्जा की अनियमित आपूर्ति और बड़ी कंपनियों से भुगतान में देरी भी एक बड़ी बाधा है।

एमएसएमई का योगदान –

  • एमएसएमई मंत्री ने बताया कि देश में 6.5 करोड़ एमएसएमई करीब 28 करोड़ लोगों का रोजगार देते हैं।
  • सकल घरेलु उत्पाद में इसका योगदान 30.1% है।
  • विनिर्माण में 35.4% तथा निर्यात में 45.73% एमएसएमई का योगदान है।

एमएसएमई के लिए किए गए सरकारी प्रयास –

  • बजट 2025-26 में इस सेक्टर को मजबूती देने के उद्देश्य से वित्तीय सहायता और खरीद-नीतियों से लेकर क्षमता निर्माण और बाजार एकीकरण तक का प्रावधान किया गया है।
  • प्रमुख पहलों में उद्यम पंजीकरण पोर्टल, पीएम विश्वकर्मा योजना और एमएसएमई के लिए सार्वजनिक खरीद नीति शामिल हैं।
  • उपरोक्त पहलों के माध्यम से उद्यमिता को प्रोत्साहन मिलेगा, रोजगार बढ़ेंगे तथा औपचारिक व अनौपचारिक क्षेत्र को एकीकृत किया जा सकेगा।
  • उद्योगों के विस्तार व दक्षता में सुधार के लिए निवेश व टर्नओवर की सीमा बढ़ा दी गई है।
  • एमएसएमई के विस्तार के लिए पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार 20% अधिक कर्ज देने का लक्ष्य है।
  • निर्यातकों के लिए निर्यात संवर्धन मिशन के तहत 2250 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
  • सरकार बिना गिरवी रखे कर्ज भी दे रही है।

एमएसएमई के लिए और क्या किया जाना चाहिए?

  • इसके लिए कारोबार सुगमता, वैश्विक बाजार में सरल पहुँच, कम विनियमन तथा जीएसटी में सरलता पर ध्यान देना चाहिए। 
  • घरेलू खपत को बढ़ाने के साथ-साथ नई सप्लाई चेन व नए बाजारों की तलाश भी करनी होगी।
  • दूसरे देशों में वेयर हाउसिंग की सुविधा हो।
  • हमारे एमएसएमई की वैश्विक ब्रांडिंग भी आवश्यक है।
  • बुनियादी ढाँचे की मजबूती, अधिक लॉजिस्टिक सुविधाएँ, कम ब्याज दर पर ऋण जैसी सुविधाएँ फिर से शुरू की जायें, ताकि उन्हें वित्तीय सहायता एवं स्थिरता मिल सके।
  • उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजना के विस्तार से निर्यात आधारित एमएसएमई लाभान्वित होंगे।
  • हम गुणवत्ता में सुधार कर तकनीकि सहायता से प्रतिस्पर्धत्मक शक्ति भी बढ़ा सकते हैं।
  • एमएसएमई में प्रशिक्षण, नवाचार, प्रतिस्पर्धा, क्षमता में सुधार तथा शोध की भी जरूरत है।

*****