भविष्य में भगदड़ को कैसे रोकें

Afeias
01 Sep 2025
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देश में भगदड़ के मामले आम हो गए हैं। बागेश्वर धाम, मनसा देवी, हाथरस और बेंगलुरू में आरसीबी की जीत के जश्न में मची भगदड़ जैसी घटनाएं और भी हैं। कर्नाटक सरकार ने हाल ही में चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई भगदड़ की जांच रिपोर्ट को स्वीकार किया है। यह रिपोर्ट बताती है कि हमें किन व्यवस्थागत बदलावों की जरूरत है-

  • प्रशासन को ऐसी त्रासदियों से पहले की घटनाओं की श्रृंखला के बारे में पारदर्शी होना चाहिए। कर्नाटक सरकार ने भी पहले निष्कर्षों को दबाने की कोशिश की थी।
  • यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि भीड़ का घनत्व 4 व्यक्ति प्रति वर्ग मीटर पर खतरनाक हो सकता है। इसके लिए भीड़ को पहले ही नियंत्रित किया जाना चाहिए।
  • सीसीटीवी/एआई के जरिए रीयल-टाइम निगरानी, भीड़ का पूर्वानुमान और उससे जुड़ा विश्लेषण, क्षमता नियंत्रण, अनिवार्य पंजीकरण, कार्यक्रमों को अलग-अलग समय पर कराने जैसी कुछ व्यवस्थाओं से भगदड़ को रोकना संभव है।
  • महत्वपूर्ण यह भी है कि आयोजकों को जवाबदेह ठहराया जाए। सुरक्षा प्रोटोकॉल का सही तरीके से पालन किया जाए।
  • भीड़ आकर्षित करने वाले स्थलों से जुड़े सुरक्षा नियमों के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाई जानी चाहिए। लोगों को डर और अफवाहों को नकारने और उनकी जांच की समझ दी जानी चाहिए।

बढ़ती समृद्धि और शहरीकरण के साथ, बड़े-बड़े सार्वजनिक आयोजनों का होना संभावित है। जरुरत है, तो बस सुरक्षात्मक उपायों की।

‘द इकॉनॉमिक टाइम्समें प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 25 जुलाई, 2025