
भारत-इंडोनेशिया संबंधों पर एक नजर
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- भारत – इंडोनेशिया संबंध वैश्विक संबंधों के लिए एक प्रकाश स्तंभ हैं।
- भारत के 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो मुख्य अतिथि थे। इंडोनेशिया के राष्ट्राध्यक्षों को पहले भी तीन बार मुख्य अतिथि के रूप में सम्मान दिया गया है। यह दोनों देशों के मजबूत संबंधों का एक उदाहरण है।
- दोनों देशों के बीच व्यापार, सुरक्षा और भू-राजनीति को लेकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आधारशिला बनने की अपार क्षमता है।
- व्यापार से जुड़े पाँच प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की गई है। इनमें ऊर्जा, खाद्य और कृषि, स्वास्थ्य सेवा, विनिर्माण और प्रौद्योगिकी प्रमुख हैं। इन क्षेत्रों में आपसी विकास को गति देने, नवाचार को बढ़ाने और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए प्राथमिकता दी जानी है।
- दोनों देशों ने आतंकवाद और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई है।
- द्विपक्षीय संबंधों का तीसरा तत्व यह है कि यह वैश्विक संदर्भ में कैसे फिट बैठता है। भारत और चीन के अलावा अब इंडोनेशिया भी ब्रिक्स समूह का सदस्य हो गया है। दोनों देशों के अमेरिका व अन्य पश्चिमी देशों के साथ महत्वपूर्ण संबंध हैं।
दोनों देशों की 76 साल पुरानी साझेदारी लगातार मजबूत होती जा रही है। हिंद-प्रशांत और वैश्विक अर्थव्यवस्था के भविष्य को आकार देने की उनकी क्षमता बहुत बड़ी है।
‘द हिंदू’ में प्रकाशित अनिंघ बाकरी के लेख पर आधारित। 05 फरवरी, 2025
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