पैरालंपिक में मिली सराहनीय सफलता

Afeias
07 Oct 2024
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हाल ही में हुए पेरिस पैरालंपिक में भारत के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया है।

कुछ बिंदु –

इस स्पर्धा में 29 पदक जीतकर भारत 18वें स्थान पर रहा है। 2016 के रियो में चार पदक जीतकर 43वां और 2020 के टोक्यो पैरालंपिक में 19 पदक जीतकर 19वां स्थान मिला था।

यह महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इससे पता चलता है कि खिलाड़ियों ने सरकारी समर्थन के साथ तालमेल बिठाते हुए प्रदर्शन में निरंतर सुधार किया है।

भारत की उपलब्धि से इतर भी देखें, तो यह 22 खेलों में 549 पदक स्पर्धाओं में प्रतिस्पर्धा करने वाले 4,400 से अधिक पैरा-एथलीटों के लिए बहुत बड़ा प्रोत्साहन था।

इस प्रकार के आयोजन अनेक दिव्यांग जनों के जीवन को सार्थक बना देते हैं।

पेरिस पैरालंपिक को समावेशी बनाने के लिए फ्रांसीसी अधिकारियों के प्रयास सराहनीय हैं। उन्होंने ‘गेम्स वाइड ओपन‘ का आदर्श वाक्य रचते हुए इसे समावेशी बना दिया।

भारत अभी भी एक विकलांग – प्रतिकूल देश बना हुआ है। दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 ने पांच वर्षों में सभी सार्वजनिक स्थानों को विकलांगों के अनुकूल बनाने की मांग की है। लेकिन इसका कार्यान्वयन संतोषजनक नहीं रहा है। अधिनियम के तहत योजनाओं के लिए बजटीय व्यय में भी केंद्र ने कटौती की है।

पूरे आयोजन की सफलता और भारतीयों के सराहनीय प्रदर्शन से भारत में इन एथलीटों के लिए सरकार और कॉर्पोरेट जगत से अधिक समर्थन प्राप्त होने की उम्मीद है।

‘द हिंदू’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 09 सितंबर, 2024

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