वित्त परिषद् की जरूरत क्यों है ?

Afeias
24 Jan 2022
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हाल ही में देश के वित्त राज्य मंत्री ने वित्त परिषद् के गठन की संभावना से इंकार कर दिया है। सरकार के अनुसार वित्त परिषद् द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका को पहले ही सीएजी राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग एवं वित्त आयोग, अपने-अपने तरीके से निभा रहे हैं। सरकार के इस दावे का पूरी तरह से समर्थन नहीं किया जा सकता। 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार निम्नलिखित कार्यों को संपन्न करने के लिए वित्त परिषद् की महती भूमिका है –

1) बहुवर्षीय, मैक्रो-इकॉनॉमिक और राजकोषीय पूर्वानुमान उपलब्ध कराना।

2) सरकार के सभी स्तरों पर लक्ष्य के साथ-साथ राजकोषीय प्रदर्शन का मूल्यांकन करना।

3) राज्यों के राजकोषीय लक्ष्यों की उपयुक्तता और स्थिरता का आकलन करना।

4) दीर्घकालिक राजकोषीय स्थिरता का स्वतंत्र मूल्यांकन करना।

5) राजकोषीय उत्तरदायित्व कानूनों के तहत सरकारों द्वारा राजकोषीय नीति के स्टे्टमेन्टस का आकलन करना।

6) राजकोषीय उत्तरदायित्व कानूनों के तहत एस्केप क्लॉज (राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम, 2003) के तहत छूट का उपयोग करने की शर्तों पर सलाह देना।

7) महत्वपूर्ण आर्थिक निहितार्थों के साथ नए उपायों की नीतिगत लागत प्रदान करना।

8) वित्त आयोग को विश्लेषणात्मक समर्थन प्रदान करना तथा

9) उनकी सभी रिपोर्टों और अंतर्निहित कार्यप्रणाली का प्रकाशन करना।

वित्त परिषद् के गठन के पीछे एक आवश्यक तर्क यह भी है कि जब बाजार विफल हो जाते हैं, तो सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ता है। और सरकार को विफलता से बचाने के लिए सिस्टम और संस्थानों को स्थापित करना आवश्यक होता है। इसका अर्थ यह नहीं लगाया जाना चाहिए कि वित्त परिषद् अपने उद्देश्यों की पूर्ति में 100% खरी उतरेगी। यदि सरकार में स्थायी स्तरों पर घाटे और ऋण को नियंत्रित करने की राजनीतिक इच्छाशक्ति है, तो संस्था की सफलता काफी हद तक सुनिश्चित है।

वैश्विक स्तर पर लगभग 30 विकसित और नई विकसित अर्थव्यवस्थाओं ने वित्त परिषद् जैसे ही संस्थान की अनिवार्यता को समझा है। अमेरिका, यू.के., आस्ट्रेलिया जैसे कई देशों ने अलग-अलग नामों से इसका गठन किया है।

भारत में भी इसका गठन किया जाना चाहिए, जिससे एफ आर बी एम या राजाकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन प्रक्रिया को अधिक प्रभावशाली बनाया जा सके।

‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित एम. गोविंद राव के लेख पर आधारित। 8 जनवरी, 2022