स्वास्थ्य बीमा के क्षेत्र में आईआरडीएआई के महत्वपूर्ण निर्देश

Afeias
16 May 2024
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हाल ही में द इंश्योरेंस रेग्यूलेटरी एण्ड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया या आईआरडीएआई या भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण ने कंपनियों से स्वास्थ्य बीमा की पात्रता को व्यापक बनाने को कहा है। इस निर्देश में सबसे महत्वपूर्ण यह है कि इसमें वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराने पर विशेष जोर दिया गया है।

इससे संबंधित कुछ बिंदु –

2011 के बाद से भारत की जनसंख्या के आंकड़ों का आधिकारिक तौर पर हिसाब नहीं लगाया गया है। लेकिन संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष और विशेषज्ञों के अनुमान से भारत की जनसंख्या चीन के लगभग बराबर है।

भारत एजिंग रिपोर्ट, 2023 (संयुक्त राष्ट्र के अनुमान पर आधारित) का अनुमान है कि भारत की 60 वर्ष से ऊपर की जनसंख्या, जो 2022 में लगभग 10% थी, 2050 में 30% तक हो जाएगी। यह अमेरिका की वर्तमान जनसंख्या से भी अधिक यानि 34 करोड़ से भी अधिक हो जाएगी।

कई विकसित देशों में जहाँ 65 वर्ष से ऊपर की जनसंख्या 16% से 28% तक है, वहाँ स्वास्थ्य देखभाल, सस्ती दवा और बुजुर्गों की उचित देखभाल जैसी चुनौतियां आ रही हैं। उनसे सबक लेकर ही भारत, बीमा को व्यापक करने की ओर कदम उठा रहा है।

इनमें से कई देशों में बीमा पॉलिसी में प्रवेश के लिए उम्र कोई बाधा नहीं है। लेकिन भारत में फिलहाल 65 वर्ष से ऊपर के लोगों का स्वास्थ्य बीमा नहीं किया जाता है।

हमारे देश में पहले से ही अभिजात्य वर्ग ‘फैमिली फ्लोटर‘ प्लान लेकर चल रहा है। इसमें व्यक्ति और उसके माता-पिता का बीमा कम कीमत पर हो जाता है। अगर आईआरडीएआई का परिपत्र बाकी वरिष्ठ नागरिकों को भी वहन योग्य कीमत पर स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध करवा सके, तो यह प्रशंसनीय होगा।

फिरहाल, भारत के लिए अपने जनसांख्यिकीय लाभांश को भुनाने का समय है। इसका अर्थ है हम पारंपरिक कृषि में लगे युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराना चाहते हैं। इस प्रक्रिया में उनके वृद्ध परिजनों की देखभाल का पुख्ता प्रबंध होना चाहिए। इस हेतु स्वास्थ्य बीमा और स्वास्थ्य सेवा, दोनों का ही उन्नयन होना चाहिए।

द हिंदू’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 24 अप्रैल, 2024

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