सीमावर्ती क्षेत्रों को मुख्य भूमि से जोड़ने का एक प्रयास
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हाल ही में सरकार ने केंद्रीय बजट 2022-23 से 2025-26 तक के लिए वाइब्रेंट विपेज प्रोग्राम की शुरूआत की है। इस कार्यक्रम में अगले तीन वर्षों तक 48,000 करोड़ आवंटित करने का फैसला किया गया है।
इस योजना से जुड़े कुछ मुख्य बिंदु –
- यह कार्यक्रम ऐसे सीमावर्ती गांवों के लिए चलाया गया है, जो सालों से उपेक्षित पड़े हुए हैं। इस योजना का उद्देश्य इन गांवों के विकास की तस्वीर को बदलना है।
- बुनियादी ढांचा और आर्थिक विकास के अवसरों का सृजन ही कार्यक्रम के दो आधार हैं। इसके माध्यम से परिधि पर बसे गांवों का जुड़ाव मुख्य भूमि से हो सकेगा।
- स्थानीय समुदायों के साथ जुड़ाव तथा बुनियादी ढांचे के साथ-साथ परियोजना के सभी पहलुओं में उनकी भागीदारी से कार्यक्रम को सफल बनाने का उद्देश्य रखा गया है।
- यह कार्यक्रम चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के 19 जिलों और 46 सीमा ब्लॉक में चलाया जाएगा।
- इस कार्यक्रम का सीमावर्ती विकास कार्यक्रम के साथ कोई ओवरलैप नहीं होगा, बल्कि यह उसका पूरक ही सिद्ध होगा।
- इन क्षेत्रों की उपेक्षा से स्थानीय जनता को अभी तक रोजगार एवं अन्य तरह के विकास के सही अवसर उपलब्ध नहीं हो सके हैं। इन कमियों पर ध्यान दिए जाने से आसपास के क्षेत्रों की देशविरोधी गतिविधियों पर नियंत्रण रखा जा सकेगा।
इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए पर्याप्त प्रशिक्षित और संवेदनशील कर्मियों का दल तैयार किया जाना चाहिए। इसके साथ यह रणनीतिक सुरक्षा के दृष्टिकोण और एक समावेशी समाज सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकता है।
‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 17 फरवरी, 2023
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