सरकारी बॉन्डों का वैश्विक सूचकांक में शामिल होना
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31 जनवरी 2025 से शुरू होकर अगले दस माह में भारतीय सरकारी बॉन्ड ब्लूमबर्ग के बॉन्ड सूचकांक में शामिल हो जायेंगे।
यह जेपी मार्गन के बाद भारतीय सरकारी बॉन्डों को शामिल करने वाला दूसरा वैश्विक सूचकांक होगा।
ऐसा होना मुख्यतः भारत की वैश्विक आर्थिक शक्ति का एक प्रमाण प्रस्तुत करता है।
लाभ –
- इससे भारतीय बाजार में 2 से 3 अरब डॉलर का निवेश आने की संभावना है।
- यह उन बड़े अन्तरराष्ट्रीय निवेशकों का विश्वास बढ़ाने वाला होगाए जो अपनी ऋण होल्डिंग को विविधता देना चाहते हैं।
- विदेशी निवेश को प्रवाह बढ़ने से सरकार को अपने राजकोषीय घाटे की भरपाई करने में मदद मिलेगी।
- इससे चालू खाते के घाटे को भी कम करना संभव हो सकेगा। इससे घरेलू बचत पर दबाव कम हो सकेगा।
लेकिन यह एक दुधारी तलवार की तरह होता है। अधिक विदेशी निवेश के लिए बेहतर एवं अधिक चुस्त वृहद् आर्थिक प्रबंधन की आवश्यकता होगी।
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