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सबका साथ, सबका विकास का प्रभाव
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हाल ही में आई विश्व बैंक की एक रिपोर्ट से पता चला है कि 2011 और 2019 के बीच भारत में अत्यधिक गरीबी या एक्ट्रीम पॉवर्टी आधे से भी कम हो गई है। यह 22.5 से गिरकर 10.5% पर आ गई है। यह प्रगति ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक होती दिखाई दे रही है। गरीबी में तेजी से आई इस कमी का श्रेय सभी सरकारी विभागों को दिया जा सकता है। विशेष रूप से जनभागीदारी आधारित गरीब-समर्थक जनकल्याण योजनाओं ने बड़ी भूमिका निभाई है। इसे कुछ निम्न बिंदुओं में समझा जा सकता है –
- कल्याणकारी कार्यक्रमों में सामाजिक, आर्थिक और जातिगत जनगणना, 2011 के आधार पर वंचित घरों की पहचान ने जाति, पंथ या धर्म से परे गरीबों की भलाई के लिए राजनीतिक समर्थन तैयार किया। यह बात अलग है कि इससे संबंधित डेटा 2015 में जारी किया गया था। यह ‘सबका साथ, सबका विकास’ के उद्देश्यों को पूरा करने में महत्वपूर्ण था।
- दीनदयाल अंत्योदय योजना और स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं का कवरेज बहुत बढ़ाया गया है। इसके परिणामस्वरूप 75 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह 31 लाख से अधिक निर्वाचित पंचायती राज प्रतिनिधियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इनमें 40% महिलाएं हैं।
- स्वयं सहायता समूहों की सामाजिक पूंजी ने बैंकों, माइक्रो वित्त संस्थानों और मुद्रा योजना के माध्यम से ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित की है।
- वित्त आयोग से हस्तांतरण सीधे ग्राम पंचायतों को किए गए। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का निर्माण तेज गति से हुआ है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण की तेज गति से कनेक्टिविटी में सुधार हुआ और गतिशीलता बढ़ने से रोजगार के अधिक अवसर पैदा हुए।
- 2018 में ग्राम स्वराज अभियान के दो चरणों में गैस और बिजली कनेक्शन, एलईडी बल्ब, जीवन बीमा, दुर्घटना बीमा और टीकाकरण जैसे लाभ प्रदान किए गए।
- व्यक्तिगत शौचालयों के लिए सार्वभौमिक कवरेज पर जोर, एलपीजी कनेक्शन और पक्के घर दिए गए।
- इस अवधि में अतिरिक्त बजटीय संसाधनों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक धन की एक बड़ी राशि हस्तांतरित की गई।
- सन् 2018-19 से मानव विकास, आर्थिक गतिविधि और बुनियादी ढांचे पर ग्राम पंचायत विकास योजनाओं को तैयार करने के लिए ‘सबकी योजना, सबका विकास’ के माध्यम से लोगों को जोड़ा गया।
- ऑडिट के माध्यम से संसाधनों के पूर्ण उपयोग को सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया।
- राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा ने भी ग्रामीण विकास प्रदर्शन सुधार में मदद की।
इन सभी कारकों ने वंचित परिवारों के जीवन को आसान बनाने और उनकी संपत्ति के आधार में सुधार करने में योगदान दिया है। इसके बावजूद अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
समाचार पत्रों पर आधारित।