रेवडी संस्कृति
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राजनैतिक दल, सत्ता प्राप्त करने एवं सत्ता में बने रहने के लिए मतदाताओं को मुफ्त पेशकश देकर लुभाते हैं, जिसे रेवड़ी संस्कृति कहा जाता है।
रेवड़ी संस्कृति के नुकसान –
1) लोगों को रेवड़ियाँ पहुँचाने में ही अधिकांश संसाधन खर्च हो जाते हैं, जिसके कारण पूंजीगत व्यय के लिए धन कम हो जाता है। परिणामस्वरूप नये स्कूल, अस्पताल, सड़क, संचार आदि परियोजनाओं के लिए पैसे ही नही बचते।
2) पेशकशों की पूर्ति के लिए सरकारों को कर्ज लेना पड़ता है, जिससे राजस्व और राजकोषिय दोनों घाटे बढ़ते हैं। कर्ज की देनदारी बढ़ती है।
अतः रेवडी संस्कृति विकास में अवरोध बनती हैं, क्योंकि पूंजीगत व्यय ही आर्थिक वृद्धि को गति प्रदान करता है।
रेवड़ी संस्कृति के बदले, निम्नलिखित कदम उठाये जाने चाहिए –
1) सरकार नागरिकों को निश्चित आय के अवसर प्रदान करे।
2) सामान्य जन की सभी बुनियादी जरूरतें उपलब्ध कराए।
3) सरकार संस्थागत स्थिरता प्रदान करे। तथा
4) पूंजीगत व्यय कर आर्थिक वृद्धि को गति दे।