
राष्ट्रीय महत्वपूर्ण (क्रिटिकल) खनिज मिशन
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हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12,400 करोड़ रुपए के राष्ट्रीय क्रिटिकल खनिज मिशन को मंजूरी दी है। इसके साथ ही खनन कार्यों से अपशिष्ट पदार्थों के प्रबंधन के लिए एक टैलिंग पॉलिसी की भी घोषणाा की गई है।
कुछ महत्वपूर्ण बिंदु –
- राष्ट्रीय खनिज मिशन ने 2030-31 तक के लिए एक दृष्टिकोण तय किया है, जिससें खनिजों का घरेलू खनन, विदेशों में खनिज समृद्ध परिसम्पत्तियों का अधिग्रहण, महत्वपूर्ण खनिजों की रिसायकलिंग के साथ-साथ व्यापार, अनुसंधान एवं विकास, मानव संसाधन और वित्त पोषण संबंधी मुद्दों पर ध्यान दिया गया है।
- अब मिशन को उद्देश्य के अनुरूप बनाए रखने के लिए नियमित रूप से समीक्षा की जानी चाहिए।
- उत्पादन बढ़ाने से पर्यावरण और जैव विविधता पर अनावश्यक लागत नहीं आनी चाहिए।
- अन्य विकासशील देशों में परिसम्पत्तियों को सुरक्षित करने के लिए, भारत को स्थानीय उत्पादन और मूल्य संवर्धन सहित रणनीतिक साझेदारी पर ध्यान देना चाहिए।
- महत्वपूर्ण खनिजों के उपयोग, द्वितीयक स्रोतों से उनकी वसूली और रिसायकलिंग को बढ़ाने के लिए संसाधन दक्षता नीति को अंतिम रूप दिया जाना चाहिए।
‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 5 फरवरी, 2025