
प्रशासनिक सुधारों के लिए कदम
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- प्रदर्शन पर आधारित पदोन्नति की व्यवस्था से बहुत से विभागों में कार्य क्षमता को बढ़ाया और भ्रष्टाचार को कम किया जा सकता है।
- नेशनल प्रोग्राम फॉर सिविल सर्विसेज कैपेसिटी बिल्डिंग को अप्रैल, 2021 में स्वीकृत किया गया था। इसका उद्देश्य नियुक्ति के पश्चात अधिकारियों को प्रशिक्षण के माध्यम से कार्यक्षम बनाए रखना है।
- इस दिशा में केंद्र सरकार को मानव संसाधन संबंधी नीतियों को समयानुरूप बनाते रहना होगा।
- अक्षम अधिकारियों को निकाल बाहर करने के लिए उनके कार्यकाल का समय-समय पर निष्पक्ष मूल्यांकन होना चाहिए। इसमें जनता की भी भागीदारी होनी चाहिए।
- लेटरल हायरिंग से भी स्थिति में सुधार की संभावना है।
भारत के कार्यबल में केवल 4% लोकसेवक हैं, जबकि यू.के. में 22.5%, अमेरिका में 13.5% और चीन में 28% हैं। राज्य सरकारों को भी अपनी रोजगार की नीतियों में सुधार करके इनके प्रतिशत को बढ़ाना चाहिए। केंद्र सरकार को अपने 444 और राज्य सरकारों को अपने 1,136 सार्वजनिक उपक्रमों के तेजी से विनिवेश पर काम करना चाहिए। इससे होने वाली आय के हिस्से को प्रशासनिक सुधार के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए। देश के विकास के लिए एक सक्षम नौकरशाही का होना बहुत महत्वपूर्ण है।
‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 26 दिसम्बर, 2022