
पहलगाम आतंकी आक्रमण पर भारत की कार्रवाही और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
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पाकिस्तान भारत की आतंकवाद के प्रति ‘शून्य सहिष्णुता’ की नीति जैसे भूल गया था, इसीलिए उसने एयर स्ट्राइक व सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भी भारत के पहलगाम पर आक्रमण किया। हमारे प्रधानमंत्री ने कहा था कि आतंकियों और उनके आकाओं के लिए इसके परिणाम उनकी कल्पनाओं से भी परे होंगे।
पाकिस्तान की इस आक्रमण पर प्रतिक्रिया –
- जब भारत द्वारा सिंधु जल समझौता रद्द कर दिया गया, तब पाकिस्तान इस आक्रमण से मुकर गया, क्योंकि इस समझौते को रद्द करने के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। उसने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच के लिए कहा तथा इसे भारत का अंदरूनी मामला बताते हुए कश्मीर के निवासियों पर ही इसका इल्जाम लगाया।
- इस आक्रमण का उद्देश्य अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर की शांति को छिन्न-भिन्न करना तथा आर्थिक प्रगति को रोकना था।
- पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने दावा किया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के अस्थाई सदस्य के रूप में पाकिस्तान ने पहलगाम आतंकी आक्रमण को लेकर अमेरिकी प्रस्ताव पर तेवर ढीले कराने के प्रयास किए। इस हमले की जिम्मेदारी लेने वाली रजिस्टेंस फोर्स को स्थानीय फोरम का सदस्य बताया। अगर इस संगठन का लश्कर-ए-तैयबा या पाकिस्तान से कोई लेना-देना नहीं था, तो पाकिस्तान ने क्यों उस समूह का संदर्भ सुरक्षा परिषद् की सूची से हटवाया?
- पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक जवाब में कहा कि हम तीन दशकों से अमेरिका और ब्रिटेन के लिए यह गंदा काम (आतंकवाद का) कर रहे हैं।
- बिलावल भुट्टों ने भी यह कहा कि पाकिस्तान का एक आतंक से जुड़ा अतीत रहा है। जबकि सच यह है कि आतंकवाद उसका अतीत ही नहीं वर्तमान भी है।
भारत की कार्यवाही –
- भारत ने सबसे पहले कैबिनेट समिति की बैठक की, जिसमें उसने सिंधु जल समझौता रद्द किया। पाकिस्तान की कृषि एवं खाद्य सुरक्षा के लिए इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।
- हमने पंजाब के बहावलपुर व मुरीदके के दो आंतकी ठिकानों को नष्ट किया। भारत ने नागरिक या सैन्य ठिकानों को नष्ट नहीं किया था। यह पाकिस्तान के लिए खुली चुनौती थी, जिसका उसने शिमला समझौते को स्थगित करके तत्काल जवाब भी दिया।
- भारत किसी परमाणु आक्रमण के डर में नहीं आया। उसने ड्रोन और मिसाइलें दागी व कई महत्वपूर्ण एयरबेस नष्ट किए।
- पाकिस्तान ने जब भारत से शांति की गुहार लगाई, तब सैन्य संचालन महानिदेशक स्तर पर वार्ता के बाद आक्रमण रोकने पर सहमति बनी।
- कुछ लोगों का सवाल है कि जब भारत विजयी स्थिति में था, तो शांति की पहल क्यों स्वीकार की। इसका जवाब है कि भारत ने आतंकी ठिकानों को नष्ट करके अपने लक्ष्य हासिल कर लिए थे।
- पाकिस्तानी दावों को झुठलाने के लिए प्रधानमंत्री स्वयं आदमपुर एयरबेस गए, जिसे पाकिस्तान नष्ट करने की बात कर रहा था।
- ‘आपरेशन सिंदूर’ ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में न्यू नार्मल सिद्धांत स्थापित किया, कि अब कोई भी आतंकी हमला युद्ध की चुनौती के रूप में लिया जाएगा, और उसकी कड़ी प्रतिक्रिया होगी।
- पानी और खून अर्थात वार्ता और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते।