पड़ोसियों के साथ सीमा में उलझा भारत
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भारत सरकार के लिए सीमा प्रबंधन एक कठिन काम है। हाल ही में भूटान के विदेश मंत्री की चीन यात्रा से यह और भी जटिल हो गया है।
भारत के कुछ प्रमुख सीमा विवाद –
- भारत, भूटान और चीन की सीमा पर स्थित डोकलाम क्षेत्र बहुत विवादित है। भारत ने डोकलाम में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण झाम्फेरी रिज की चीनी सड़क के एकतरफा निर्माण को रोकने के लिए हस्तक्षेप किया, जिसके परिणामस्वरूप 2017 का डोकलाम गतिरोध हुआ। तब से चीन ने भूटान पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
- दूसरी ओर, पूर्वी लद्दाख के तवांग सेक्टर में चीन के साथ कमांडर स्तर की वार्ताएं विफल होती जा रही हैं।
- परेशानी पैदा करने में भारत-नेपाल मुद्दा भी कम नहीं है। जब से काठमांडू ने 2020 में भारत के कुछ क्षेत्रों को अपने मानचित्र में दिखाया है, तब से राजनीतिक नेतृत्व विवाद को सुलझाने में विफल रहे हैं।
हाल के दिनों में सीमा विवाद का सफल समाधान बांग्लादेश के साथ हुआ है। 2015 के भूमि, सीमा समझौते के माध्यम से हुए इस समाधान से दोनों देशों के संबंध मजबूत हुए हैं। अन्य सीमा-विवादों के लिए भारत को सबक लेते हुए काम करना चाहिए
- चीन की नियत का मुकाबला करने के लिए सीमा बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देना चाहिए।
- विवाद वाले देशों से अपने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना। हाल ही में भूटान के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के दौरान अनेक पहलुओं पर काम किया जा रहा है।
- छोटे पड़ोसी देशों के साथ विवाद सुलझाने में थोड़ी उदारता की जरूरत है।
व्यवस्थित सीमाओं से भारत को बहुत से लाभ हो सकते हैं। अतः भारत को नापतौल कर कदम उठाने होंगे।
‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 26 अक्टूबर, 2023