महिलाओं की कार्यबल भागीदारी को कम करता है विवाह
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- विश्व बैंक के नए दक्षिण एशिया विवाह अपडेट से पता चलता है कि विवाह महिला श्रम भागीदारी को प्रभावित करता है।
- अपडेट से पता चलता है कि यह प्रभाव संतानोत्पत्ति से जुड़ा नहीं है, बल्कि उससे पहले ही केवल विवाह के कारण दिखाई देने लगता है। लैंगिक असमानता के परिप्रेक्ष्य में यह अति की स्थिति कही जा सकती है कि एक वयस्क पुरुष की देखभाल और घर के कामकाज के चलते महिलाओं को काम नहीं करने दिया जाता है।
- यदि प्रतिशत में देखें तो विवाह के बाद महिलाओं की रोजगार दर में 12% की गिरावट आई है।
- शिक्षा से इस प्रवृति में बदलाव लाया जा सकता है। अधिक शिक्षित महिलाओं के पास अपनी आवाज उठाने की शक्ति आती है, और अधिक शिक्षित पतियों के पास कम रुढ़िवादी सामाजिक दृष्टिकोण हो सकते हैं।
भारत में लैंगिक असमानता के ऐसे तर्कहीन मानदंड जब तक बने रहेंगे, तब तक न ही अर्थव्यवस्था न ही अगली पीढ़ी और न ही पति बेहतर हो सकेंगे।
‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 17 अक्टूबर, 2024
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