लद्दाख और स्थानीय जनता पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत

Afeias
24 Feb 2023
A+ A-

To Download Click Here.

2019 में लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था। इसके कुछ समय बाद से यहाँ के स्थानीय लोगों और नौकरशाही के बीच लगातार खींचतान चल रही है। इसके कुछ कारणों में से एक यहाँ की नौकरशाही का रूखा व्यवहार और गैर-जिम्मेदाराना दृष्टिकोण भी बताया जा रहा है।

स्थानीय समूहों की प्रमुख मांगे –

  • क्षेत्र को छठी अनुसूची के अंतर्गत अनुच्छेद 244 में शामिल करने की मांग की जा रही है ( यह स्थानीय जनजाति की सुरक्षा से संबंधित है )।
  • पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की जा रही है।
  • लेह और कारगिल जिलों के लिए अलग-अलग लोकसभा सीटों की मांग है।
  • स्थानीय जनता के लिए नौकरी में आरक्षण की मांग है।

लद्दाख की पहचान, संस्कृति और नाजुक वातावरण की सुरक्षा के लिए इन मांगों को महत्वपूर्ण बताया जा रहा है। इस हेतु केंद्र ने दो समितियां नियुक्त की हैं। पिछले दो वर्षों में ये समितियां समस्याओं के समाधान में नाकाम रही हैं।

ज्ञावव्य हो कि 2020 में चीनी सेना ने लद्दाख क्षेत्र से बड़ी घुसपैठ की थी। यह मामला अभी भी अनसुलझा है। लद्दाख के स्थानीय समुदायों में अशांति होने पर विदेशी और शत्रु ताकतें स्थितियों का लाभ उठा सकती हैं। अतः इस महत्वपूर्ण क्षेत्र की समस्याओं का त्वरित समाधान करना स्थानीय और देश हित में है।

‘द हिंदू’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 03 फरवरी, 2023