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क्षेत्रीय योजना 2041 के मसौदे पर पुनर्विचार होना चाहिए
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कुछ बिंदु –
- 550 किमी. लंबी अरावली रेंज जैव विविधता से समृद्ध पारिस्थितिकीय तंत्र है।
- एनसीआर के लिए यह हवा और पानी का एकमात्र रिचार्ज जोन है।
- यह श्रेणी थार रेगिस्तान से उड़ने वाली धूल के विरूद्ध एक प्राकृतिक बाधा का काम करती है।
- इसके क्षय से एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ता है, और जलस्तर घटता है। इससे मरूस्थलीकरण की संभावना बढ़ जाती है।
- कोप 15 में मॉन्ट्रियल में जैविक विविधता पर सम्मेलन में भारत और 196 देशों ने इसके नुकसान को रोकने और इस धरोहर की वृद्धि का संकल्प लिया था। भारत को अपने इस संकल्प की पूर्ति के लिए क्षेत्रीय योजना मसौदा, 2041 पर पुनर्विचार करना चाहिए।
नीति निर्माताओं को समझना चाहिए कि पर्यावरण संरक्षण आर्थिक वृद्धि और विकास के लिए कितना जरूरी है। अतः योजना को पारिस्थितिकीय अनुकूल बनाने के लिए विशेषज्ञों और सभी हितधारकों के साथ जुड़ना चाहिए। प्रकृति आर्थिक मूल्य वाली एक संपत्ति है। इसका संरक्षण किया जाना नितांत आवश्यक है।
‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 5 जनवरी, 2023