आईटी उद्योग में उतार-चढ़ाव का दौर

Afeias
08 Sep 2025
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अमेरिका और यूरोप में आर्थिक अनिश्चितता से भारत के सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में फिलहाल वृद्धि धीमी हो गई है। अमेरिका से टैरिफ वार्ता धीमी गति से चल रही है, और जेनरेटिव एआई के चलते भारत की कंपनियां व्यावसायिक प्रक्रियाओं को कम आउटसोर्स कर रही हैं।

कुछ बिंदु –

  • आईटी में चल रही इस मंदी के कारण इन कंपनियों की राजस्व वृद्धि स्थिर रहने की संभावना है। हालाँकि, वे अपने ऑपरेशन में बदलाव करके अपना मार्जिन बचा ही लेंगी।
  • कंपनियों ने पहले ही नियुक्तियां कम कर दी हैं। कर्मचारियों की छंटनी की दर स्थिर है। वेतन वृद्धि नहीं के बराबर है।
  • दूसरी ओर, बड़ी आईटी कंपनियां अपने कर्मचारियों को कुशल बना रही हैं।
  • कुल मिलाकर कार्पोरेट प्रदर्शन धीमा रहा है। लेकिन भारतीय कंपनियों ने बदलती स्थितियों में लचीलापन दिखाया है। इस नाते इन्हें इस उतार-चढाव से निकलना आसान हो सकता है।
  • आईटी उद्योग जगत में कुछ क्षेत्रों में मजबूत गतिविधियां हैं, और छोटी आईटी फर्मों के पास विकास की अधिक गुंजाइश है।
  • फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर्स ने भारतीय इक्विटी की काफी बिक्री की है। इससे आईटी कंपनियों ने निराशाजनक परिणाम घोषित किए हैं।

वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए आगे कुछ उतार-चढ़ाव वाली तिमाही आ सकती है।

‘द इकॉनॉमिक टाइम्समें प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 29 जुलाई, 2025