गंगा की सफाई पर अपडेट
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हाल ही में पेरिस की सीन नदी ओलंपिक खेलों के चलते एक बार फिर चर्चा में आ गई है। यह नदी इतनी प्रदूषित हो चुकी थी कि 1923 से ही इसमें तैराकी पर प्रतिबंध था। ओलंपिक के लिए इसको साफ करने के लिए 1.5 अरब डॉलर खर्च किए गए हैं।
दरअसल, बड़ी नदियों को साफ करना आसान नहीं होता है। भारत में गंगा नदी का उदाहरण हमारे सामने है। 1980 के दशक से इसकी सफाई के लिए तीन बड़ी परियोजनाएं शुरू की गई हैं -गंगा एक्शन प्लान(1985 ),राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन परियोजना (2008), और नमामि गंगे कार्यक्रम (2014)|
परियोजनाओं की प्रगति –
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार , 1986 से 2014 के बीच गंगा की सफाई पर लगभग 20 हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। 2014 से 2022 तक 13 हजार करोड़ आवंटित और खर्च किए गए हैं।
- पिछले साल संसद में जल शक्ति मंत्रालय ने कहा था कि नदी के पानी की गुणवत्ता में ‘अलग-अलग डिग्री का सुधार’ हुआ है। हालांकि, समाचार रिपोर्टों से पता चलता है कि सीपीसीबी ने इसका कोई उल्लेख नहीं किया है।
- मंत्रालय ने कहा कि नदी की सफाई एक सतत प्रक्रिया है, और स्वच्छ गंगा के लिए कई संरक्षण और कायाकल्प के कदम उठाए जा रहे हैं।
‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 19 जुलाई, 2024
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