दूरस्थ मतदान या रिमोट वोटिंग का विरोध क्यों?
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दूरस्थ मतदान या रिमोट वोटिंग की मांग काफी लंबे समय से की जा रही है। हाल ही में चुनाव आयोग ने इससे संबंधित एक प्रस्ताव भी दिया है। इस प्रस्ताव से अपने मतदान क्षेत्र से दूर रहने वाले अनेक नागरिकों को लंबी यात्राएं किए बिना ही मतदान करने का मौका मिल सकता है। प्रत्येक नागरिक के मतदान के अधिकार को सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक अच्छा कदम हो सकता है।
16 विपक्षी पार्टियों ने इस प्रकार के प्रस्ताव पर आपत्ति जताई है।
दूरस्थ मतदान से जुड़ी आशंकाएं –
रिमोट वोटिंग का सबसे बड़ा लाभ प्रवासी श्रमिकों को मिलने की संभावना है। देश में इनकी संख्या लगभग 40 करोड़ है। विपक्षी पार्टियों को आशंका है कि प्रवासी की परिभाषा तय करने में कठिनाई आ सकती है।
चुनाव आयोग का प्रस्ताव है कि मतदान के लिए पंजीकृत राज्य से बाहर रहने वाले व्यक्ति को रिमोट वोटिंग का अधिकार दिया जा सकता है।
विपक्ष की आशंकाएं निरर्थक लगती हैं। यह बहुत से नागरिकों को उनके मताधिकार से वंचित कर सकती हैं। इसमें मुख्य रूप से श्रमिक वर्ग ही आता है।
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को लेकर भी राजनैतिक दलों ने शुरू में बहुत सी आशंकाएं जताई थी। चुनाव आयोग ने उनका समाधान कर दिया था। उम्मीद की जा सकती है कि इस मुद्दे पर भी चुनाव आयोग उचित कदम उठाते हुए प्रक्रिया की अखंडता की रक्षा करता रहेगा।
‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 17 जनवरी, 2023