धारणीय विकास की ओर कदम
Date:22-02-21 To Download Click Here.
महामारी ने अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुँचाया है। वैश्विक स्तर पर सकल घरेलू उत्पाद के 8% से संकुचित होकर 2.4% तक आने की आशंका जताई जा रही है। वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम का अनुमान है कि महामारी के विरूद्ध इस जंग की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। लेकिन इस प्रकार की महामारियों से बचाव पर होने वाला खर्च नहीं के बराबर है।
इन सुरक्षात्मक उपायों को अपनाने के लिए हमें सर्वप्रथम यह समझना होगा कि प्रकृति के बिना अर्थव्यवस्था का कोई मायने नहीं है। पारिस्थितिकी पर किए जाने वाले सभी अध्ययन बताते हैं कि वन्यजीवन में कमी के साथ पारिस्थितिकी के संरक्षण के सभी उपायों में बहुत ही नकारात्मक रुझान है। मानव बस्तियों की सघनताए जैव विविधता की समृद्धि और वन्य जूनोटिक रोगजनकों के बीच अंतर्संबंध है। वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम की 2021 की रिपोर्ट बताती है कि पर्यावरणीय खतरों से विश्व की अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ने की आशंका बनी हुई है। अतः विकास के प्रति हमारी नीतियों और मॉडलों में बदलाव किया जाना जरूरी है।
- सबसे पहले तो विकास के नाम पर प्रकृति के विनाश को अवैध ठहराया जाना चाहिए। खनन और बुनियादी ढांचों के लिए प्राकृतिक ठिकानों के विनाश को तुरंत रोका जाना चाहिए।
- 2020 के एक अध्ययन से पता चलता है कि भारत सहित विश्व के 20% देशों की पारिस्थितिकी बहुत ही नाजुक है। अध्ययन में यह भी बताया गया है कि विश्व का 55% सकल घरेलू उत्पाद, उच्च स्तरीय जैव-विविधता और पारिस्थितिकी पर निर्भर करता है।
अतः नीति-निर्माताओं को अपने आर्थिक एजेंडे में इन तत्वों को सर्वोपरि रखना चाहिए। इससे हम अपनी अर्थव्यवस्था को जीवाश्म ईंधन पर आधारित रखने के बजाय शनैः शनैः – धारणीय समावेशी और न्यायसंगत बना सकेंगे।
- बजट में ऐसी सभी गतिविधियों पर निवेश को कम करना होगा, जो प्राकृतिक जीवन को नुकसान पहुँचा सकती हैं।
- हमें धारणीयता विज्ञान पर शोध में निवेश करना होगा।
- जैव विविधता और मानव कल्याण से जुड़े एक राष्ट्रीय मिशन को स्वीकृति दी जा चुकी है। इसका उद्देश्य जैव विविधता को पुनः स्थापित करना, अनेक ग्रीन-जॉब्स तैयार करना और भारतीय जनता को अपने सांस्कृतिक और प्राकृतिक भंडार की रक्षा के प्रति जागरूक करना होगा।
इस प्रकार की पहल से भारत पूरे विश्व के लिए एक उदाहरण बन सकता है।
‘द हिंदू’ में प्रकाशित रवि चेल्लम के लेख पर आधारित। 4 फरवरी 2021