एकीकृत भुगतान इंटरफेस (Unified Payment Interface)
To Download Click here.
- राष्ट्रीय भुगतान निगम (National Payment Corporation of India) ने हाल ही में एकीकृत भुगतान इंटरफेस (Unified Payment Interface(UPI)) की शुरूआत करके आर्थिक समावेश के क्षेत्र में एक बड़ा कदम बठाया है। इससे जीवन-स्तर में भी सुधार होगा।
- यू पी आई के माध्यम से लोग अपने स्मार्टफोन से अन्य बैंक खातों में कभी भी और तुरंत धन स्थानांतरित कर सकते हैं। इससे धन के लेन-देन में नकदी का चलन कम हो जाएगा, व्यापारिक भुगतान सरल होगा, लेन-देन में लगने वाला कमीशन कम हो जाएगा, वह सुरक्षित एवं पारदर्शी हो जाएगा।
- इस प्रक्रिया में प्राप्तकर्ता के बैंक खाते का नंबर या आई एफ एस सी कोड जानने की भी आवश्यकता नहीं होगी। एक ही पते के साथ कई बैंक खाते जोड़े जा सकेंगे। इसके जरिए माल का भुगतान सीधे उपभोक्ता से व्यापारी के खाते में किया जा सकेगा।
- फिलहाल यू पी आई से भुगतान की अधिकतम सीमा एक लाख रखी गई है। जबकि प्रीपेड खाते से 10000 तक का ही भुगतान किया जा सकता है। इस लेनदेन में 1 रु. से 5 रु. तक की न्यूनतम फीस ली जाएगी।
- अभी तक 21 बैंकों ने यू पी आई को अपना लिया है।
सवाल उठता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में यू पी आई का क्या लाभ होगा? फिलहाल इसकी उम्मीद कम लगती है, क्योंकि इसके लिए एक स्मार्टफोन और डाटा कनैक्टिवीटी की आवश्यकता होगी। युवा पीढ़ी को इससे लाभ जरूर मिलेगा।
‘इकॉनामिक टाइम्स’ के संपादकीय पर आधारित