चीनी इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की सुरक्षा जांच का मुद्दा
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चीन के इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों को लेकर केंद्र सरकार बहुत सतर्क है। इनमें पार्किंग सेंसर, ड्रोन पार्टस, तथा स्मार्ट मीटर जैसे कई अन्य उत्पादों की सुरक्षा जांच पर विचार किया जा रहा है।
एक वैश्विक मुद्दा – चीनी उपकरणों को अमेरिका में भी संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है। हाल ही में, अमेरिकी कांग्रेस ने चेतावनी दी थी कि अमेरिकी बंदरगाहों में लगाई जाने वाली क्रेनों में चीन ने खुफिया उपकरण लगाए हैं। वैसे भी चीन दुनिया भर में होने वाले रैनसमवेयर हमलों और डेटा उल्लंघन के मामलों के लिए बदनाम है। ऐसे में भारत सरकार की सतर्कता सही है।
चीन का महत्व – वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में चीन के महत्व को देखते हुए सुरक्षा जांच को अनिवार्य करने से पहले, इस कदम पर आने वाले व्यवधान की सुरक्षा पर विचार करना होगा। चीनी उत्पादों के अलावा, चीन में बने घटक कई भारतीय उत्पादों के लिए आवश्यक हैं। देश में इनका उपयोग कर हमारे निर्यात के रुप में इन्हें बेचा जाता है। उदाहरण के लिए, हम दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मोबाइल फोन निर्माता हैं। लेकिन इसके केवल 15% घटक स्वदेशी होते हैं। लैपटॉप जैसे बड़े पैमाने की वस्तुओं में सुरक्षा जांच का मामला व्यवहार्यता से जुड़ा हुआ है, क्योंकि अधिक कड़ाई करने पर इन उपकरणों के पिछले दरवाजे से आने का खतरा बना रहता है।
सरकार के लिए यह चुनौती रहेगी कि वह उपभोक्ता बाजार और अर्थव्यवस्था को प्रभावित किए बिना सुरक्षा जांच कैसे शुरु कर सकती है।
‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 02 अक्टूबर, 2024