
बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच
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देश में 60 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों के लिए विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच की चुनौती बनी हुई है।
चुनौतियों पर कुछ बिंदु –
- जनसंख्या का 10.5% बुजुर्गो का है।
- इन्हें आउटपेशेंट सेवाओं के लिए औसतन 15 कि.मी. और इन पेशेंट देखभाल के लिए लगभग 44 कि.मी. की यात्रा करनी पड़ती है।
- शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा के लिए अधिक दूरी तय करनी पड़ती है।
- लैसेंट के नए अध्ययन के अनुसार, 2031 में इस समूह के 13.2% और 2047 तक 21% से अधिक हो जाने का अनुमान है।
- वृद्धावस्था देखभाल तक बेहतर पहुँच बनाना किसी देश की विकसित स्थिति का प्रमुख संकेतक है।
- लंबी जीवन अवधि को देखते हुए, स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच न होने से उत्पादकता से जुड़ा आर्थिक प्रभाव पड़ता है।
- भारत में राज्यों के बीच स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर भिन्नताएं बहुत हैं।
समाधान –
- 10 कि.मी. के दायरे में प्राथमिक और द्वितीयक स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करना।
- परिवहन बाधाओं को दूर करना।
- घर पर प्राथमिक देखभाल की व्यवस्था पर ध्यान देना।
- मोबाइल मेडिकल वैन की सुविधा।
- डिजिटल स्वास्थ्य सेवा की उपलब्धता।
- प्रदूषण, बढ़ती गर्मीं के तनाव, सामुदायिक जुड़ाव और मानसिक स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को संबोधित करते हुए कल्याण पर जोर देना।
‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 28 अप्रैल, 2025