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बिजली क्षेत्र को हरित बनाने के प्रयास
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- भारत के बिजली क्षेत्र को कार्बन मुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है।
- देश अपनी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को बढ़ा रहा है। यह 2015 में 38.96 गीगावाट थी, जो 2024 में 203.18 गीगावाट हो गई है।
- 2030 तक इसे 450 गीगावाट पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
- इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक आधुनिक और स्मार्ट ट्रांसमिशन सिस्टम भी शुरू किया जाना चाहिए।
- स्वच्छ और रुक-रुककर आने वाले ऊर्जा स्रोतों को एकीकृत करने से जुड़ी संरचनात्मक, विनियामक और टैरिफ संबंधी चुनौतियां का समाधान करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
- बिजली क्षेत्र के संक्रमण और परिवर्तन को शक्ति प्रदान करने के लिए ऐसी नीतियां बनाई जानी चाहिए, जो राज्यों को संसाधन का नियोजन और पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एकीकृत ढांचा प्रदान करे।
- कोयले के लिए मौजूदा पूर्वाग्रह को ठीक करने के लिए बाजार के डिजाइन में बदलाव आवश्यक है।
- वितरण कंपनियों या डिस्कॉम में ऐसे विकल्प तैयार करने होंगे, जो स्मार्ट मीटर और गतिशील टैरिफ डिजाइनों के साथ चलते हुए नवीकरणीय ऊर्जा को किफायती दरों पर उपलब्ध करा सकें।
‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 27 जनवरी, 2025
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