
भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता
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तीन वर्षों की बातचीत के बाद भारत और यू.के. ने मुक्त व्यापार समझौते (एफ.टी.ए.) की शर्तों को अंतिम रूप दे दिया है। इस महत्वपूर्ण समझौते से जुड़े कुछ बिंदु –
- जब बातचीत शुरू हुई थी, तब भारत-यू.के. द्विपक्षीय व्यापार 17.5 अरब डॉलर था। यह 57 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।
- यदि कर की दरों की बात करें, तो भारत के 99% निर्यात पर ब्रिटेन कोई कर नहीं लगाएगा। इन उत्पादों में श्रम-गहन कपड़े, चमड़ा, खिलौने, आभूषण आदि के अलावा सेवा आधारित आईटी/आईटीईएस वित्त आदि शामिल हैं।
- बदले में भारत ब्रिटिश उत्पाद की कई श्रेणियों पर 90% कर घटा देगा। इससे ब्रिटिश चॉकलेट, कुकीज से लेकर हवाई जहाज के पुर्जे तक सस्ते हो जाएंगे। ब्रिटिश कारों के निर्धारित आयात कोटे को 10% शुल्क के साथ भारत में बेचने की स्वीकृति दी जा रही है। यह इस बात का संकेत भी है कि भारत का ऑटो सेक्टर भविष्य में कम सरंक्षणवादी होगा। भविष्य में अमेरिका के साथ इस क्षेत्र में सौदे के लिए भी यह अच्छा संकेत है।
- अब भारतीय श्रमिकों को ब्रिटेन में पहले तीन वर्षों के लिए सामाजिक सुरक्षा योगदान करने की जरूरत नहीं होगी। इससे भारतीय श्रमिक अपने देश अधिक धन भेज सकेंगे।
- इस समझौते से भारतीय पेशेवरों का आवागमन आसान होने की संभावना है।
भारत के लिए ऐतिहासिक क्यों ?
- फिलहाल भारत अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ भी वार्ता कर रहा है। ब्रिटेन के साथ हुए समझौते के कुछ बिंदु आगे के समझौते पर टेम्पलेट की तरह काम करेंगे।
- ऐसे क्षेत्रीय व्यापार समझौतों के जरिए भारत विश्व व्यापार में आई कठोरता से बाहर निकलने का संकेत दे रहा है।
- ऐसे समय पर एफटीए होना लाभप्रद है, जब अमेरिका और चीन अपनी अर्थव्यवस्थाओं को वैश्विक अर्थव्यवस्था से अलग ले जाने की कोशिश में हैं। इस समझौते के बाद अमेरिका भी भारत के साथ व्यापार संतुलन पर काम कर सकता है।
विभिन्न समाचार पत्रों पर आधारित। 8 मई 2023