भारत को परमाणु ऊर्जा के विकल्प पर आगे बढ़ना चाहिए
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जैसे-जैसे ऊर्जा की मांग बढ़ेगी, सभी देशों के लिए परमाणु ऊर्जा एक आवश्यक विकल्प बनता जाएगा। इस हेतु छोटे माड्यूलर रिएक्टर या नैट्रियम एसएमआर परियोजनाओं का विकास अनेक देशों में चल रहा है।
कुछ बिंदु –
- एस एम आर यानि स्मॉल माड्यूलर रिएक्टर की एक मानकीकृत (स्टैण्डर्ड) डिजाइन के साथ नकल की जा सकती है।
- कोयला संयंत्रों में लगे संपूर्ण कार्यबल को इसमें खपाया जा सकता है।
- इसको लगाने में पूंजी-लागत, ईंधन सोर्सिंग और आपूर्ति श्रृंखलाओं की चुनौती सामने आ सकती है।
- अपने घरेलू परमाणु कार्यक्रम के आधार पर भारत को एसएमआर अनुसंधान और विकास में निवेश करना चाहिए। इसके डिजाइन भी स्थानीय जरूरतों के हिसाब से बनाये जाने चाहिए।
- जलवायु परिवर्तन से परेशान भारत की बढ़ती मांगें उसे स्वच्छ, विश्वसनीय, सस्ती, सुरक्षित और टिकाऊ ऊर्जा के लिए सभी विकल्प तलाशने को प्रेरित करती हैं।
- इसके लिए बजटीय आवंटन, निवेश योजनाएँ और बुनियादी ढाँचा बनाने के लिए उसे सोच-समझकर निर्णय लेना चाहिए।
‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 22 जून, 2024
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