बड़े शहरों में मानसून में होने वाली गड़बड़ी से कैसे निपटें

Afeias
29 Jul 2024
A+ A-

To Download Click Here.

हर साल मानसून के आते ही हर बड़े भारतीय शहर में यातायात अस्त-व्यस्त और आम जन जीवन रुक सा जाता है। शहर के ठप्प हो जाने के बाद इससे निपटा जाता है।

कुछ बिंदु –

– गड़बडी क्यों होती है?

  • नियोजित और अनियोजित शहरी क्षेत्रों का विस्तार। उदाहरण के लिए, झीलों व अन्य जल निकायों पर कब्जा किए जाने से गुरूग्राम के 519 जल में से आधे पिछले 40 वर्षों में गायब हो चुके हैं।

– कौन जिम्मेदार है?

  • जल प्रबंधन के लिए नियोजन एजेंसियां, शहरी स्थानीय निकाय और पानी-सीवेज के लिए विशेष एजेंसियाँ।
  • तीनों एजेंसियां शायद ही कभी तालमेल से काम करती हैं।
  • नगर योजनाकारों की भारी कमी है। हमारे पास प्रति लाख आबादी पर एक भी योजनाकार नहीं है, जबकि यू.के. में 38, और आस्ट्रेलिया में 23 होते हैं।

– आगे का रास्ता क्या है?

  • योजनाओं के क्रियान्वयन पर पुनर्विचार की आवश्यकता है।
  • उचित जल निकासी योजनाएं तैयार करनी चाहिए।
  • 1,115 शहरी स्थानीय निकायों को कवर करने वाले 44 शहरी समूहों के लिए 15वें वित्त आयोग के हस्तांतरण पैकेज के अनुसार जल और स्वच्छता योजनाएं तैयार की जानी चाहिए।
  • सड़कों/गलियों और फुटपाथों का सुरक्षा ऑडिट नियमित रूप से किया जाना चाहिए।
  • फुटपाथों और सड़कों से अतिक्रमण हटाने के लिए अधिकारियों को समुदायों के साथ जुड़ने की आवश्यकता है।
  • जल और स्वच्छता से जुड़ी एजेंसियों को शहरी स्थानीय निकायों के प्रति जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।
  • जल निकासी और सीवेज नेटवर्क का नियमित रखरखाव होना चाहिए।

‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित के.के. पाण्डेय के लेख पर आधारित। 29 जून, 2024

Subscribe Our Newsletter