अखिल भारतीय न्यायिक सेवा की आवश्यकता क्यों ?
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- हमारे न्यायालयों में लगभग 5.1 करोड़ मामले लंबित हैं।
- सर्वोच्च न्यायालय में 82,989 मामले लंबित हैं।
- लंबित मामलों को निपटाना एक गंभीर चुनौती बनी हुई है। इसके लिए आईएएस और आईपीएस की तर्ज पर भारतीय न्यायिक सेवा की शुरूआत की जानी चाहिए।
- अगर अखिल भारतीय न्यायिक सेवा को शुरू किया जाता है, तो यह स्थापित मानंदड़ों के आधार पर एक प्रणाली बनाकर न्यायिक नियुक्तियों में जरूरी पारदर्शिता लाएगी।
- इस सिस्टम से उच्च गुणवत्ता वाली न्यायिक प्रतिभा का चयन किया जा सकेगा। साथ ही यह राजनीतिक और न्यायिक प्रतिष्ठानों के बीच स्थानीय और राज्य स्तर पर समावेशिता सुनिश्चित करेगा।
- इससे न्याय की गुणवत्ता बढ़ेगी।
- उच्च न्यायपालिका के लिए उम्मीदवारों का एक मजबूत पुल तैयार होगा।
- न्याय की डिलीवरी में तेजी आएगी।
- न्यायिक प्रणाली के मजबूत होने से लोकतांत्रिक राजनीति के स्वास्थ्य को मजबूत रखा जा सकता है।
‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 03 सितंबर, 2024
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