आठवें वेतन आयोग को कहाँ जूझना जरूरी है

Afeias
06 Feb 2025
A+ A-

To Download Click Here.

हाल ही में सरकार ने आठवें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है। फिलहाल ऐसा करना कितना सही है या गलत, इस पर कुछ बिंदु –

  • मानव संसाधन के मोर्चे पर सरकार वेतन पर नहीं, बल्कि शासन की जरूरतों के अनुसार कौशल के गंभीर अंतर से जूझ रही है।
  • सरकार पर वेतन और भत्ते का बोझ पहले ही इतना ज्यादा है कि विभागों के रिक्त पदों को भरना मुश्किल हो गया है।
  • सरकारी नौकरियों में वेतन बढ़ाने की सबसे बड़ी विडंबना यह है कि करोड़ों बेरोजगार युवा, निजी क्षेत्र की कम वेतन वाली नौकरी लेने या स्वरोजगार के विकल्प के बजाय, सरकारी नौकरी पाने के इंतजार में लंबे समय तक बेरोजगार ही बने रह सकते हैं।

क्या किया जाना चाहिए –

  • बेरोजगारी को कम करना है, तो केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन को डिजाइन करने के तरीके में सुधार करना होगा।
  • नौकरशाहों के वेतन को निगमित किया जाना चाहिए। इनकी दिखावा पैदा करने वाली विलासिता को खत्म किया जाना चाहिए। पेंशन को खत्म किया जाना चाहिए।
  • प्रवेश स्तर के वेतन को कम किया जाना चाहिए।
  • युवा कार्यबल की भर्ती, प्रशिक्षण एवं पुनः कौशल प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। इससे ही नौकरी की सुरक्षा और पदोन्नति का आश्वासन मिल सकता है।

तथ्य यह है कि अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार, भारत के सार्वजनिक क्षेत्र का आकार दुनिया में सबसे कम है। लेकिन इसे चलाना बहुत महंगा है। वेतन आयोग को इसी विसंगति को ठीक करने की जरूरत है।

द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकशित संपादकीय पर आधारित। 17 जनवरी, 2025