‘आकांक्षी जिलों का परिवर्तन’ कार्यक्रम (Transformation of Aspirational Districts’ Program)
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‘आकांक्षी जिला योजना’ की शुरूआत प्रधानमंत्री ने 14 अप्रैल, 2018 को छत्तीसगढ़ के बीजापुर से की थी। इस योजना के तहत ऐसे जिलों को जोड़ा गया जो खराब सामाजिक-आर्थिक संकेतकों से प्रभावित हैं।
उद्देश्य –
1) इसमें प्रत्येक जिले की क्षमता पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। तत्काल सुधार के लिए प्रभावी कारकों की पहचान की जाती है। फिर मासिक आधार पर जिलों की रैंकिंग कर के प्रगति को मापा जाता है।
2) जिलों को अपने राज्य में सबसे अच्छे जिले के समान स्थिति में पहुँचने के लिए प्रतिस्पर्धा तथा सहकारी संघवाद की भावना से सर्वश्रेष्ठ में से एक बनने के लिए प्रेरित किया जाता है।
मानक मांपदंड –
1) स्वास्थ्य एवं पोषण,
2) शिक्षा,
3) कृषि एवं जल संसाधन,
4) वित्तीय समावेशन,
5) कौशल विकास, एवं
6) अवसंरचना।
आकांक्षी जिला योजना में हुई अब तक की प्रगति –
1) सूक्ष्म सिंचाई योजना का बड़े पैमाने पर जिले में फैलाव हुआ है, जिससे नगदी फसलों का क्षेत्रफल बढ़ा है।
2) मनरेगा के तहत जलाशयों का जीर्णोद्धार व निर्माण कार्य कराया गया। इससे जल-भंडारण के साथ कृषि-क्षेत्र में भी वृद्धि हुई है।
3) किसान दो फसल या बहुफसल की ओर बढ़ रहे हैं। फसल सघनता 112 से बढ़कर 128 प्रतिशत हो गई है।
4) अब किसान टिकाऊ कृषि को अपनाने लगे हैं। यदि जमीनी स्तर पर देखें, तो सोयाबीन, मूंगफली, अदरक, मक्का, आलू व मटर की खेती बड़े पैमाने पर होने लगी है।
5) रासायनिक खादों के उपयोग में कमी आई है और जैविक खादों का प्रचलन बढ़ा है।
6) उत्पादन या खाद्यान्न की गुणवत्ता बढ़ी है।
7) किसानों की आय में वृद्धि हुई है। इसके कारण स्वच्छता और शिक्षा में भी सुधार दिख रहा है।
8) सबसे पिछड़े जिलों का कायाकल्प होता दिख रहा हैं।
UNPD की रिपोर्ट के अनुसार –
– अपेक्षित और माओवादी चरमपंथ से प्रभावित दूरदराज के जिलों का इस योजना के तहत पिछले वर्षों में अच्छा विकास हुआ है।