75 वर्ष का भारत, भाग-2

Afeias
19 Sep 2022
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भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री ने एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। वह यह कि 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनना चाहिए। विकसित देश के कई मानदंड हैं, जिसमें आय और प्रति व्यक्ति आय निश्चित रूप से प्रमुख हैं। दूसरा मानदंड गैर कृषि रोजगार को कृषि-रोजगार से अधिक करना है।

ये दोनों ही मानदंड आपस में जुड़े हुए हैं। जैसे-जैसे खेती में लोगों की हिस्सेदारी घटती जाती है, वैसे-वैसे आमदनी बढ़ती जाती है। विनिर्माण और वैतनिक रोजगार बढ़ते जाते हैं। यदि 2018-19 के डेटा को देखें, तो भारत का लगभग 41% श्रम बल कृषि में और विनिर्माण में 12.1% कार्यरत था। श्रम बल का यह हिस्सा भी बुनियादी, कम वेतन वाली सेवाओं और रियल एस्टेट की असुरक्षित नौकरियों में संलग्न रहा।

कृषि-सुधार- भारत को विकसित देश का दर्जा दिलाने के लिए लोगों को बहुत तेजी से खेतों से बाहर निकालने की जरूरत है। यह तभी हो सकता है, जब खेती में सुधार हो और विनिर्माण फले-फूले।

मुक्त-व्यापार- कृषि सुधारों को लेकर सरकार असफल रही है। दूसरे के लिए केंद्र-राज्य संयुक्त प्रयास के माध्यम से परियोजनाओं को तेजी से मंजूरी देने और केंद्र के आयात शुल्क में बढ़ोत्तरी को रोकने की आवश्यकता है। पिछले 5 वर्षों में आयात शुल्क दर 4.5% प्वाइंट बढ़कर 18.3% हो गई है। भारत को संरक्षणवाद की नीति से अलग हटकर अपने निर्यातकों को उत्पादन श्रृंखलाओं के साथ जुड़ने की अनुमति देनी चाहिए; बशर्ते वे प्रतिस्पर्धी लागत पर इनपुट आयात कर सकें। घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई ‘प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव’ स्कीम का मूलभूत दोष, उसका संरक्षणवाद पर अधिक जोर देना है।

न्यायिक सुधार- भारत में त्वरित विवाद निवारण प्रक्रिया की अनुपस्थिति प्रगति में बहुत बड़ी बाधा है। अनुबंध प्रवर्तन या कांट्रैक्ट एन्फोर्समेंट में भारतीय न्यायालयों का प्रदर्शन दुनिया में सबसे खराब है। दिवालिया प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण निकाय एनसीएलटी में रिक्तियों की भरमार है। संपूर्ण न्यायिक प्रणाली में रिक्तियां और बैकलॉग है, जो अधिकांश सुधारों की प्रभावकारिता को कमजोर करते हैं।

इन सभी समस्याओं के होते भारत की अर्थव्यवस्था भले ही बड़ी हो जाए, परंतु इसकी आर्थिक स्थिति में बदलाव नहीं आ सकता। सरकार को इन सुधारों के लिए प्रयासरत रहना चाहिए।

‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 16 अगस्त, 2022

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