स्वास्थ्य मिशन का डिजिटलीकरण

Afeias
20 Aug 2020
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Date:20-08-20

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नेशनल स्‍वास्‍थ्‍य मिशन का डिजिटलीकरण हैल्थ मिशन एक ऐसा डिजिटल हैल्थ इकोसिस्टम है , जिसमें प्रत्येक नागरिक को स्वास्थ्य आई डी दिया जाना है। इस आई डी में उसके मेडिकल रिकार्ड होंगे। अक्सर देखा जाता है कि लोगों के लिए या तो मेडिकल रिकार्ड संभालना मुश्किल होता है , या फिर वे डॉक्टर से मिलने के समय उसे ले जाना ही भूल जाते है। इस अंतर संचालित डिजिटल फार्मेट आई डी से डॉक्टर के लिए रोगी की मेडिकल हिस्ट्री को समझना आसान हो जाएगा।

लाभ –

  • हैल्थ डेटाबेस से निदान या डायग्नोसिस सही होगा।
  • अध्ययन और शोध उपचार के परिणाम में आसानी होगी।
  • दवा की प्रभावशीलता को ज्यादा असरदार तरीके से समझा जा सकेगा।

मरीजों की निजता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। हैल्थ रिकार्ड को मरीज की सहमति से चिकित्सक और स्‍वास्‍थ्‍य बीमाकर्मी देख सकेंगे। कुछ अज्ञात डेटा क्लाउड पर उपलब्ध होगा , जो शोध संस्थानों , बायोटेक कंपनियों और दवा निर्माता कंपनियों को उपलब्ध हो सकेगा।

उपचार और डेटा एनालिटिक्स के लिए ए आई और क्लाउड कंप्यूटिंग में असीम क्षमता है। इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीमेडीसिन जैसी सुविधाओं का विस्तार किया जा सकता है। एनालिटिक्स के माध्यम से जिला अस्पतालों और चिकित्सकों पर नजर रखी जा सकेगी।

चुनौतियां

  • बहुत जल्द , हैल्थ मिशन को उन स्मार्टफोन और वेयरेबल्स का भी सामना करना होगा , जो मानव इटरफेस को दरकिनार करते हुए वास्तविक समय संबंधी जानकारी की एक सारणी एकत्र करते हैं। ये डेटा निजी कंपनियों के पास जाएंगे , जिन्हें संभालना नेशनल हैल्थ इंफॉर्मेशन सिस्टम के लिए मुश्किल हो सकता है।
  • इस तरह के विकेन्द्रीकृत या वैश्विक निजी तकनीकी उत्पादों को एक राष्ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य सूचना प्रणाली के साथ एकीकृत करना एक चुनौती है।
  • भारत में स्‍वास्‍थ्‍य राज्यों का विषय है। इसके अलावा स्वास्थ्य पर होने वाला दो-तिहाई से ज्यादा खर्च लोग अपने पास से करते हैं। अतः राज्य सरकारों और निजी अस्पतालों को एक कड़ी में लाया जाना आवश्यक है।
  • नागरिकों में पंजीकरण के लिए स्वैच्छिक जागरूकता लानी होगी।

इसके बावजूद डिजिटलीकरण के माध्यम से अस्पतालों , चिकित्सकों और नर्सों की कमी को पूरा नहीं किया जा सकता। इस हेतु सरकार को चाहिए कि वह सकल घरेलू उत्पाद में चिकित्सा पर व्यय होने वाले 1% को बढाने संबंधी योजना बनाए। तभी वास्तविक और डिजिटल के बीच के अंतर को भरा जा सकता है।

समाचार पत्र पर आधारित।

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