वायरस से प्रभावित वैश्विक अर्थव्यवस्था
Date:26-03-20 To Download Click Here.
चीन के वुहान से फैले कोरोना वायरस का प्रसार तेजी से हो रहा है। इसने पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को करारा झटका दिया है। शेयर बाजार में बहुत बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि पिछले वर्ष 2.9 प्रतिशत रहने वाला वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद, 2020 में 1.6 प्रतिशत ही रहेगा। इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल फाइनेंस के अनुसार वैश्विक वित्तीय प्रगति 1 प्रतिशत की नीचे दर पर रहेगी। एक अनुमान के अनुसार इस वायरस के फैलने की कीमत पूरे विश्व को, 2 खरब डॉलर के रूप में चुकानी पड़ेगी।
भारतीय उद्योगों पर प्रभाव – भारत के विभिन्न क्षेत्रों में इसके फैलने के साथ ही आर्थिक गतिविधियों पर खासा प्रभाव पड़ा है। इससे प्रभावित होने वाले प्रमुख आर्थिक क्षेत्रों में नागरिक उड्डयन, होटल उद्योग, पर्यटन, तैयार कपड़ा, इलैक्टॉनिक्स, पोल्ट्री और सी फूड उद्योग हैं।
भारतीय दवा, ऑटोमोबाइल, मोबाइल फोन उद्योग आदि कई उपकरणों के लिए चीन पर निर्भर रहते हैं। दवा उद्योग के लिए 70 प्रतिशत कच्चा माल चीन से आता है। इसकी कीमत 50 प्रतिशत तक बढ़ गई है। कीटनाशक उद्योग, भारतीय रत्न उ़द्योग, सॉफ्टवेयर सेवा उद्योग आदि पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है।
पर्यटन और यात्रा क्षेत्र में विमानन उद्योग पर गहरा प्रभाव है। भारत से एशिया प्रशांत क्षेत्र को जाने वाली उड़ानों में 50 प्रतिशत की कमी आई है।
वायरस का प्रभाव कम होने पर क्या आर्थिक हानि की भरपाई हो पाएगी ?
वायरस का आर्थिक प्रभाव अलग-अलग राष्ट्रों में विभिन्न स्तरों पर होगा। यह इस बात पर निर्भर करता है कि वहाँ की सरकार विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों को कितना प्रोत्साहन दे सकती है। निवेशकों को भरोसा है कि चीन की अर्थव्यवस्था को बनाए रखने के लिए बीजिंग यथासंभव प्रयास करेगा। अमेरिका की भी मुश्किलें आसान हो जाएंगी। इटली और जापान में नए सिरे से आर्थिक चुनौती का सामना करने के लिए निधि की परेशानी हो सकती है।
कोरोना वायरस के संदर्भ में यह स्पष्ट कहा जा सकता है कि 2008 के आर्थिक संकट और सीमा पार लोगों के प्रवास के चलते जो वैश्वीकरण के विरोध का दौर शुरू हुआ था, उसे और हवा मिल गई है। जो नेता आयात और प्रवासियों पर नियंत्रण रखना चाहते हैं या उन्हें अवरूद्ध करना चाहते हैं, उन्हें अब संक्रमण का बहाना मिल जाएगा।
स्थानीयकरण के दौर को गति मिलने की संभावना है। स्थानीय कंपनियों के उत्पादों की बिक्री बढ़ सकती है। चीन की बढ़ती मजदूरी के कारण अपने उद्योगों को सस्ते श्रम वाले देशों में स्थानांतरित करने के इच्छुक उत्पादक अब अपने प्रयास तेज कर सकते हैं।
वायरस का प्रभाव जितना ज्यादा होगा और इसका प्रसार जितना अधिक होगा, प्रभाव उतने ही ज्यादा होंगे। इस महामारी ने दुनिया को यह सिखा दिया कि बाजार की कोई निश्चितता नहीं होती। उम्मीद की जा सकती है कि अन्य महामारियों की तरह यह भी जल्द ही खत्म हो जाएगी और जनजीवन की गति सामान्य हो सकेगी।
समाचार पत्रों पर आधारित।