संशय पर पाएं जीत

Afeias
05 Apr 2019
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अब, जबकि सिविल सेवा परीक्षा का बहुप्रतिक्षित विज्ञापन आ चुका है, निष्चित रूप से आप अपने अंदर एक उत्साहजनक मनोवैज्ञानिक परिवर्तन महसूस कर रहे होंगे। यह विज्ञापन बिखरी और भटकती हुई मानसिकता को एक ठोस आधार तथा सही दिषा देने का जबर्दस्त काम करता है। यदि आप ऐसा कुछ अनुभव कर रहे हों, तो आप स्वयं को सिविल सेवक बनने का एक ईमानदार प्रत्याषी मान सकते हैं। जाहिर है कि चूंकि आप अपने इस लक्ष्य के प्रति संवेदनषीलता के स्तर पर जुड़े हैं, केवल सतही तथा फैषन के स्तर पर नहीं, इसलिए आप ऐसा महसूस कर पा रहे हैं। लेकिन ध्यान रखें कि यहाँ आपके लिए एक जबर्दस्त चुनौती भी है। वह यह कि आप अपने इस अनुभव की गहराई तथा उसकी संवेदनषीलता की कोमलता को कितने लम्बे समय तक बनायें रख पाते हैं। साथ ही यह भी कि आप अपने इस मनोवैज्ञानिक स्थिति को कर्म में (परीक्षा की तैयारी) कितना बदल पाते हैं।

तो दोस्तों, ऊर्जा के उत्सर्जन की शुरूआत हो गई है। गेंद ने लुढ़कना शुरू कर दिया है। परीक्षा का आवेदन पत्र भरने के साथ ही यह लुढ़कती हुई गेंद आपके पाले में आ जायेगी। अब यह पूरी तरह आपके ऊपर होगा कि आप इस गेंद को गोलपोस्ट के अंदर पहुँचा पाते हैं या नहीं। तैयार हो जाइये पूरी मुस्तैदी के साथ; अपने और अपने लोगों के सपनों को सच में बदलने के लिए। देष की प्रषासनिक बिरादरी आपका इंतजार कर रही है।

मैंने अपने पिछले लेख में आपसे अर्ज किया था कि आई.ए.एस. की परीक्षा में बैठने से पहले हमें अपना थोड़ा-बहुत तटस्थ मूल्यांकन तो करना ही चाहिए। विष्वास है कि आपने मेरी उस सलाह को यूं ही नहीं जाने दिया होगा। और चूंकि अब आप मेरे इस लेख को पढ़ रहे हैं, तो मुझे यह मान लेना चाहिए कि इस बारे में आपने अपना मन बना लिया है। क्या ऐसा ही नहीं है ? तो आइये, इस ज्ञान-युद्ध में आपका स्वागत है। मेरी ओर से आपको बहुत-बहुत शुभकामनायें।
हो सकता है कि परीक्षा का फार्म भरने के निर्णन को लेकर आप इस उलझन में हों कि “भरु कि नहीं।” इस बारे में शायद मैं यहाँ आपकी कुछ मदद कर सकूं।
मेरी सलाह है कि आपको अभी तो फार्म भर ही देना चाहिए, बषर्ते कि आपके पास पर्याप्त अटेम्प हों। ऐसा क्यों ? ऐसा इसलिए, क्योंकि –

  • इससे स्थिति आपके नियंत्रण में रहेगी। यदि आगे चलकर आप परीक्षा नही देने का निर्णय लेते हैं, तो वह आपके हाथ में होगा। आपका अटेम्प भी सुरक्षित रहेगा। हाँ, आपको फीस का नुकसान जरूर उठाना पड़ेगा, जो बहुत होती भी नही हैं।
  • यदि पूरी तैयारी नहीं भी हुई है, तो भी आप भर सकते हैं। लेकिन इस शर्त पर कि बचे हुए तीन महिनों का उपयोग आप एक ‘ईमानदार तैयारी‘ के लिये करेंगे। इसका लाभ आपको आगे चलकर मात्र इसी परीक्षा में ही नहीं मिलेगा, बल्कि अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मिलेगा।
  • आप यदि परीक्षा का अनुभव प्राप्त करना चाह रहे हों, तब तो भरना ही चाहिए। यह अनुभव तैयारी के सापेक्ष में ही होता है। इसलिए अब शेष दिनों को तैयारी को समर्पित कर दें।
  • अंत में यह कि फार्म बहुत सावधानी के साथ भरें। वहाँ “जल्दी भरो और जीतो” का नियम काम नहीं करता है।

– डाॅ॰ विजय अग्रवाल
(आप पूर्व प्रशासनिक अधिकारी एवं afeias.com के संस्थापक हैं।)

Note: This article of Dr. Vijay Agrawal was published in “Jagran Josh” dated 27-February-2019.