प्रारंभिक परीक्षा: अंतिम क्षणों की तैयारी

Afeias
23 May 2018
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डॉ०विजय अग्रवाल

अब, जबकि सिविल सेवा परीक्षा लगभग-लगभग सिर पर आ ही चुकी है, तो स्वाभाविक रूप से वक्त की कीमत क्रमशः बढ़ती जानी चाहिए। साथ ही साथ अपने काम करने के तरीके में भी बदलाव किया जाना वक्त की अनिवार्य मांग हो जाती है। यदि आप सचमुच इस परीक्षा के प्रति गंभीर हैं, तो आपके लिए यह बेहद जरूरी है कि अब आप अपना पूरा समय इसी परीक्षा की तैयारी में लगा दें। साथ ही यह भी जरूरी है कि अपने तैयारी करने के तरीके में बदलाव लाकर उसे शिखर का आकार दे दें। ‘शिखर का आकार दे दें’ कहने का मतलब यह है कि अब आपकी तैयारी बहुत ही सेलेक्टिव होनी चाहिए, बजाए इसके कि आप सब कुछ ही पढ़ रहे हैं।

            समय की इस कीमत और आपकी तैयारी के स्वरूप को ध्यान में रखकर मैं यहाँ आपको कुछ महत्वपूर्ण बातें बताने जा रहा हूँ, जिनका संबंध आपके अध्ययन, मनोविज्ञान और स्वास्थ्य तीनों से है। ध्यान रहे कि प्रारम्भिक परीक्षा ज्ञान के परीक्षण के साथ-साथ आपके मनोविज्ञान का भी परीक्षण करती है। और यदि शरीर ठीक न रहे, तो मन को ठीक रख पाना असंभव होता है। इसलिए यह परीक्षा आपसे इन तीनों के बीच एक आदर्श संतुलन की मांग करती है। तो आइये, ऐसे कुछ अनिवार्य बिन्दुओं को जान लेते हैं –

  • अपनी पढ़ाई को बहुत महत्वपूर्ण टॉपिक्स तक केन्द्रित कर दें। साथ ही साथ सबसे अधिक जोर उनके रिवीजन पर भी दें। अब नए टॉपिक्स पढ़ने का वक्त जा चुका है।
  • चूंकि लगभग तीन-चौथाई प्रश्न करेंट अफेयर्स से पूछे जाते हैं, इसलिए सर्वाधिक जोर इन्हीं पर दिया जाना चाहिए।
  • बेहतर होगा कि आप अपना अधिक समय आब्जेक्टिव टाइप के प्रश्नों को हल करने में लगाएं। इससे जहाँ आपके दिमाग का तालमेल प्रश्नों के स्वरूप से बैठ सकेगा, वहीं आपको कुछ नये तथ्यों की भी जानकारी मिल सकेगी। हो सकता है कि यही जानकारी आपकी सफलता का कारण बन जाए।
  • थोड़ा-सा समय सी-सेट को भी दें, लेकिन केवल उतना ही, जितना आप इसे क्वालीफाई करने के लिए जरूरी समझते हैं। यहाँ अनावश्यक टाइम न लगाएं।
  • न्यूज सुनना और न्यूज पेपर पढ़ना जारी रखें। इससे प्रश्नों को हल करने में बहुत मदद मिलती है, क्योंकि भले ही न्यूज आज की होती हैं, लेकिन उनका संबंध पीछे की काफी घटनाओं से होता है।
  • जहाँ तक मनोविज्ञान का सवाल है, अपनी तैयारी के बारे में सोचना बन्द कर दें। न तो किसी दूसरे की तैयारी के बारे में पूछें और न ही अपने बारे में कुछ बताएं। अक्सर तैयारी के बारे में बात करने से स्वयं की तैयारी के प्रति विश्वास कमजोर हो जाता है, जिसे कम से कम इस वक्त के लिए तो बहुत घातक कहा जा सकता है।
  • पेपर कैसा भी आया हो, परीक्षा हॉल में किसी भी स्थिति में निराश होकर या अति उत्साह में आकर अपना संतुलन न खोएं। पूरा ध्यान केवल इस बात पर रखें कि हर हालत में उसे अपनी ओर से बेहतर से बेहतर करना है।
  • गलत उत्तर देने से बचें। हाँ, यदि दो विकल्पों में भ्रम है, तो रिस्क ले सकते हैं।
  • चूंकि इस परीक्षा में मानसिक संतुलन की बहुत बड़ी भूमिका होती है, इसलिए नींद के साथ कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए। इस बात का पूरा-पूरा ध्यान रखें कि स्वास्थ्य में कोई गड़बड़ी न आने पाए। यानी कि खान-पान सरल और सात्विक हो। धूप और लू से खुद को बचाएं। छाँछ, दही, पना, नीबू तथा प्याज आदि का सेवन पर्याप्त मात्रा में करें।

अन्तिम बात यह कि तैयारी चाहे जैसी भी हो, हौसला अंत तक बनाए। मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।