अवैध आप्रवासन के पीछे भागते भारतीय
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हाल ही में हुई दुबई से निकारागुआ फ्लाईट को पेरिस में उतारे जाने की घटना ने भारतीयों के अवैध आप्रवासन के लिए बढ़ती ललक के पीछे के कारणों पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। उस विमान में सवार 303 यात्रियों में से 276 को वापस मुंबई भेज दिया गया है। भारतीयों के अवैध आप्रवासन पर कुछ बिंदु –
- अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश करने वाले भारतीयों की संख्या में चिंताजनक वृद्धि हुई है। 2019-20 में यह 20,000 से थोड़ी कम दर्ज की गई थी। वहीं 2022-23 में यह लगभग 97,000 तक पहुंच गई है।
- पंजाब और गुजरात, दो ऐसे समृद्ध राज्य हैं, जहाँ वैध और अवैध दोनों तरह के आप्रवासन केंद्र बहुत हैं। गुजरात की प्रति व्यक्ति आय 2.5 लाख के करीब है। फिर भी इनमें विदेश जाने की इच्छा ज्यादा देखी जाती है।
- हालांकि आंकड़ों पर नजर डालें, तो गुजराती प्रवासियों की संख्या मात्र 1%, पंजाबियों की संख्या 3% और उत्तर प्रदेश के अप्रवासियों की संख्या 32% है।
- अवैध आप्रवासन में 2023 में दो परिवार मारे जा चुके हैं। कैरेबियन पहुंचने के बाद लापता हुए 9 गुजरातियों में से केवल एक के परिवार ने गुजरात पुलिस से संपर्क किया है। इसके बाद भी मानव तस्करों को मोटी रकम देकर अमेरिका जाने के लिए प्रेरित करने वाले कारकों को समझने का कोई प्रयास शायद ही किया गया है।
- पेरिस हवाई अड्डे पर शरण मांगने वाले कई यात्रियों ने इसका कारण उत्पीड़न बताया है। अमेरिकी सीमा शुल्क अधिकारियों ने गिरफ्तार किए गए लोगों में इसका कारण ‘डर’ बताया है। वीज़ा बैकलॉग भी इसका एक कारण है।
सरकार को अवैध आप्रवासन के पीछे के कारणों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। इसका कारण ढूंढकर लोगों के जीवन और पूंजी दोनों को बचाया जा सकता है।
‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 27 दिसंबर, 2023
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