भारत-आस्ट्रेलिया समझौता
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हाल ही में आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मेल्कॉम टर्नबुल की भारत यात्रा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री टर्नबुल की यह यात्रा प्रशांत महासागर में अमेरिका के वर्तमान प्रशासन के रूख के चलते चीन के आक्रमक होते रवैये के कारण भी की गई है।प्रधानमंत्री मोदी और आस्टेªलियाई प्रधानमंत्री के बीच इस यात्रा के दौरान किए गए छः समझौते एक तरह से बदलते वैश्विक परिदृश्य की ओर संकेत करते हैं।
- दोनों प्रधानमंत्रियों के संयुक्त वक्तव्य दोनों देशों के बीच मजबूत होते द्विपक्षीय संबंधों पर बल देते हैं।
- इस संयुक्त वक्तव्य में भारतीय-प्रशांत महासागरीय क्षेत्र की सुरक्षा को सुनिश्चित करने, अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुरूप समुद्रीय विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने और समुद्रीय कानूनों के उल्लंघन को रोकने का प्रयास करने की बात कही गई है। चीन के दक्षिण चीन सागर में लगातार बढ़ते कदमों पर यह आघात है।
- आतंकवाद, रक्षा, साइबर सुरक्षा, नागरिक उड्डयन सुरक्षा, शिक्षा एवं विशेषतः यूरेनियम से संबंधित ऊर्जा क्षेत्र में भी समझौते किए गए हैं।
- दोनों देशों के बीच जिस आर्थिक सहयोग समझौते को गौण कर दिया गया था, वह अब फिर से नए स्वरूप में सामने आ गया है ।
- भारत के लिए प्रधानमंत्री टर्नेबुल की यात्रा आर्थिक अवसर प्राप्त करने का प्रवेश द्वार जैसा सिद्ध हो सकती है।
‘द इकॉनॉमिक टाइम्स‘ के संपादकीय पर आधारित।
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