भारत-अफगानिस्तान के घनिष्ठ होते संबंध

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21 Jun 2016
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21-June-16Date: 21-06-16

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पड़ोसी देश होने के नाते अफगानिस्तान का भारत के लिए स्वाभाविक रूप से महत्व है।

किन्तु सब से भी बड़ी बात है- इस क्षेत्र में राजनीतिक संतुलन की दृष्टि से इसके महत्व का होना।

पाकिस्तान को अफगानिस्तान भी तालिबानियों की गढ़ मानता है, जिनकी आतंकवादी गतिविधियों ने अफगानिस्तान की आर्थिक स्थिति को तबाह कर दिया है। अफगानिस्तान लगातार पाकिस्तान पर तालिबानियों को प्रश्रय एवं प्रशिक्षण देने का आरोप लगाता रहा है। भारत भी पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों से त्रस्त है। फिर ऐसे समय में, जबकि चीन पाकिस्तान के पक्ष में खड़ा है, भारत के लिए अफगानिस्तान का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है।

निःसंदेह रूप से जून 2016 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का अफगानिस्तान-यात्रा ने इन संबंधों को एक नई ऊँचाई दी है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने हेरात राज्य में सालम बांध का उद्घाटन किया। 42 मेगावाट विद्युत तथा 75 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई क्षमता वाले इस बांध का निर्माण भारत ने 1700 करोड रुपये की लागत से कराया है। प्रधानमंत्री ने उचित ही इसे ‘‘अफगानिस्तान-भारत मैत्री बाँध’’ कहा।

दोनों देशों के घनिष्ठ संबंध निम्न सहयोग में भी प्रतिबिम्बित होते हैं।

  • मई 2016 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ईरान यात्रा के समय चाबहार बंदरगाह के विकास पर जो समझौता हुआ, उसमें अफगानिस्तान भी शामिल है। इस बंदरगाह से स्थलमार्ग अफगानिस्तान से होकर मध्य एशिया को जायेगा।
    अभी भारत मध्य एशिया के लिए पाकिस्तान पर निर्भर है। चाबहार के बाद भारत की यह निर्भरता समाप्त हो जायेगी।
  • भारत और अफगानिस्तान के बीच पाइप लाइन परियोजना पर भी हस्ताक्षर हुए हैं। इसका उद्देश्य तुर्कमेनिस्तान से अफगानिस्तान-पाकिस्तान होते हुए भारत में प्राकृतिक गैस लाना है।
  • भारत का अफगानिस्तान के आर्थिक पुनर्निमाण में बड़ा योगदान रहा है। इनमें से प्रमुख हैं-
    • अफगानिस्तान के संसद भवन का निर्माण।।
    • काबुल में एक अस्पताल बनाना।
    • ईरान की सीमा तक 218 किलोमीटर सड़क का निर्माण।
    • 220 किलोवाट डीसी ट्रांसमीटर का निर्माण।
  • भारत और अफगानिस्तान के बीच पुराने सांस्कृतिक संबंध भी रहे हैं। ज्ञातव्य है कि प्रधानमंत्री ने जून 2016 में जिस सालम बांध का उद्घाटन किया है, वह चिस्त-ए-शरीफ के काफी निकट है। यहीं ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का जन्म हुआ था, जिनकी दरगाह अजमेर में है।
  • भारत अनेक अफगानी छात्रों को छात्रवृत्तियां देता है।

 

 

‘‘दि इंडियन एक्सप्रेस’, ‘दि हिन्दू’ तथा ‘दि टाइम्स अॉफ इंडिया’ के सम्पादकीय से।