घुसपैठिए और शरणार्थी के बीच अंतर कैसे हो
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भारत में रिफ्यूजी या शरणार्थी और इनफिल्ट्रेटर्स या घुसपैठिए के बीच भेद करने वाला कोई स्पष्ट कानून नहीं है। कानून हैं भी तो ऐसे, जहाँ राजनीतिक और सरकारी स्तर पर भेदभाव करने की गुंजाइश बनी रहती है।
कुछ तथ्य –
- भारत ने 1951 के यूएन कन्वेंशन ऑन द स्टेटस ऑफ रिफ्यूजी और 1967 के प्रोटोकाल पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
- मार्च 2025 के आखिर तक नागरिकता कानून, 1955 और पासपोर्ट कानून, 1967 के साथ अन्य तीन कानून लागू थे। ये फॉरेनर्स एक्ट 1946, रजिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेनर्स एक्ट, 1939 और पासपोर्ट एक्ट, 1920 थे।
- अप्रैल से इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट ने स्वतंत्रता से पहले के इन तीन कानूनों की जगह ले ली है, और इमिग्रेशन (कैरियर्स लायबिलिटी) एक्ट, 2000 को इसमें शामिल कर लिया है।
- फिलहाल रिफ्यूजी पॉलिसी डॉक्यूमेंट की कमी ने भारत में रिफ्यूजी कम्यूनिटी के लिए अलग-अलग पैमाने बनाए हैं, जो समस्या पैदा करते हैं। जैसे – 2014 में लगभग 63,000 तिब्बती शरणार्थियों के लिए एक पुनर्वास नीति थी, वहीं लगभग 90 हजार श्रीलंकाई तमिलों के लिए ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है।
- जून 2023 तक भारत में शरणार्थीं या संदिग्ध कहे जाने वाले लोगों की संख्या 2.11 लाख थी। वर्तमान कानून में बिना दस्तावेज या ज्यादा समय तक रहने वाले किसी भी शरणार्थी को नागरिकता कानून में गैर-कानूनी प्रवासी माना जाता है। इसे घुसपैठिया भी कह सकते हैं। इस प्रकार, वास्तव में शरण की आवश्यकता वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
- नागरिकता (संशोधन) एक्ट, 2019 में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के छह धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने की बात कही गई, और दी भी गई। इसमें मुसलमानों के कुछ वर्गों, श्रीलंकाई तमिलों और रोहिंग्या को बाहर रखा गया। इसकी आलोचना हुई।
- गत माह एक नोटिफिकेशन में बिना दस्तावेज या ज्यादा समय तक रहने वाले तमिल शरणार्थियों को इमिग्रेशन और विदेशी अधिनियम के सजा वाले नियमों से छूट दी गई है, बशर्ते उन्होंने 9 जनवरी, 2015 को या उससे पहले भारत में शरण ली हो।
- फिलहाल, धर्म के आधार पर लोगों को बाहर रखने के ट्रेंड में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
वास्तव में, भारत को एक ऐसी रिफ्यूजी नीति की जरूरत है, जो भेदभाव न करती हो। हाल ही में गृहमंत्री ने भी ऐसी किसी नीति की आवश्यकता पर जोर दिया है।
‘द हिंदू’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 16 अक्टूबर 2025