पॉक्सो कानून में सहमति की उम्र कितनी सही
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- हमारे देश में बच्चों यानि 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों के साथ यौन संबंध बनाना एक अपराध है। पॉक्सो कानून इसी से संबंधित है। कानून में अपराध की गंभीरता के आधार पर 3 से 20 वर्ष तक की जेल का प्रावधान है।
- समस्या यह है कि किशोरों में अक्सर रोमांटिक भावनाएं होती हैं, और कभी-कभी सहमति से यौन संबंध बन जाते हैं। यही कारण है कि मई में उच्चतम न्यायालय ने समान उम्र के किशोरों के बीच सहमति से बने संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने की सिफारिश की थी। लेकिन केंद्र सरकार इससे सहमत नहीं है।
- हाल ही में सरकार ने न्यायालय को बताया है कि कोई भी अपवाद पॉक्सो के अंतर्गत ‘अतिसंवेदनशील की वैधानिक धारणा‘ को कमजोर कर देगा।
- स्पष्ट रूप से, पॉक्सो में अभी तक सहमति का कोई स्थान नहीं है। फिर भी, एक पॉक्सो न्यायालय ने मुंबई की 40 वर्षीय शिक्षिका को जमानत दे दी, जिसने अपने 16 वर्षीय छात्र के साथ संबंध बनाए थे। न्यायालय ने अपना आदेश ‘सहमति से बने संबंध‘ के सबूतों के आधार पर दिया है।
- भारत में सहमति के लिए असामान्य रूप से ऊँची रखी गई आयु-सीमा घटनाओं को जटिल बनाती है। सहमति की आयु कम किए जाने से न्यायालयों के पास ऐसे मामलों का निर्णय करने का एक स्पष्ट तरीका हो सकेगा।
‘द टाइम्स ऑफ इंडिया‘ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 25 जुलाई, 2025