आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ शासन

Afeias
16 Aug 2025
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल्स और असीमित ज्ञान को एकत्रित करने व जटिल विश्लेषण की उसकी क्षमता दुनिया के शासन व नीति निर्माण में बहुत अधिक योगदान कर सकता है। शासन जटिल गतिविधियों का समुच्चय है, जिसके लिए सीमित जानकारी व संसाधन उपलब्ध होते हैं। नैतिकता, लोकतंत्र, प्राथमिकता तथा भूराजनीतिक अस्थिरता को देखते हुए यह विचार करने की आवश्कता है कि एआई क्या कर सकती है और शासन में इसका प्रयोग किस प्रकार किया जा सकता है?

  • कल्याणकारी योजनाओं का बेहतर लक्षित करना, बेहतर निगरानी, बेहतर नीतिगत डिजाइन, व्यवहारात्मक बदलाव संबंधी पहल, परिदृश्य और विकल्पों का बेहतर विश्लेषण, स्वचालित ऑडिट और तत्काल निगरानी एआई से करना संभव है।
  • इससे नागरिकों का फीडबैक प्राप्त कर उसका विश्लेषण तथा शिकायत निवारण भी तत्काल किया जा सकता है।
  • शासन के कार्यों के लिए बहुत सी सूचनाओं व उनके विश्लेषण की जरूरत होती है। पहले इस काम में बहुत समय लगता था। अब यह काम कुछ ही मिनटों में किया जा सकता है।
  • शासन में वरिष्ठ व कनिष्ठ पदों पर कार्य करने वालों में बौद्धिक अंतर ज्यादा होता है। एआई की सहायता से कनिष्ठ भी बेहतर निर्णय ले सकते हैं।
  • भारत ने समावेशन के लिए पहले ही डिजिटल सार्वजनिक ढांचा पेश किया है, अब यह गाँवों तक पहुँच गया है। एआई गहन जानकारी होने पर बेहतर काम करती है। इसीलिए डीपीआई निर्णय लेने के बेहतर अवसर एआई को उपलब्ध कराएगा।
  • एआई से बेहतर वेबसाइट प्रबंधन भी किया जा सकता है। गैर राजस्व विभाग की कई ऐसी वेबसाइट हैं, जिनके पास बेहतर बैंडविड्स न होने के कारण निगरानी व प्रदर्शन मानक लागू नहीं हो पाते इससे इनमें सुधार किया जा सकता है।
  • कुछ कार्य ऐेसे होते हैं, जो बहुत लंबे अंतराल पर होते हैं; जैसे विशिष्ट कानूनों में परिवर्तन। यहाँ एआई की भूमिका सहायक या सलाहकार की हो सकती है। कुछ ऐसे कार्य जहाँ बार-बार निर्णय लेने की आवश्यकता होती है; जैसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों में खाद्यान्न आवंटन। यहाँ अफसरशाही की निगरानी में एआई को अधिक आवंटनकारी भूमिका सौंपी जा सकती है।

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