गिग इकोनॉमी : ज्यादा जोखिम पर कमाई कम
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गिग इकोनॉमी क्या है?
गिग का अर्थ ऐसी जॉब से है, जो कंपनी व कर्मचारी के बीच बिना एग्रीमेंट के होती है। इसलिए यह थोड़े समय के लिए ही होती है।
गिग इकोनॉमी के फायदे –
- कई कंपनियों में एक साथ काम किया जा सकता है।
- इच्छानुसार नौकरी बदलने की सुविधा मिलती है।
- काम का समय भी खुद तय कर सकते हैं।
गिग इकोनॉमी के नुकसान –
- इन्हे प्रोविडेंट फंड तथा हेल्थ इंश्योरेंस आदि नहीं मिलता। बीामारी या छुट्टी पर पैसे भी कटते हैं।
- आय निर्धारित नहीं होती है।
- नौकरी की कोई गारंटी नहीं होती।
- ये श्रम संहिता के दायरे में नहीं आते। इसीलिए सेवानिवृत्ति से संबंधित लाभ भी नहीं मिलते।
- यौन उत्पीड़न के मामले में भी नियम नहीं हैं।
गिग इकोनॉमी देश में इतनी तेजी से क्यों बढ़ रही है?
नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार 2020-21 तक गिग इकोनॉमी में 77 लाख लोग काम करते थे, जो 2029-30 तक 2.35 करोड़ हो जाएंगे। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार यह 17% चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ रही है।
कोविड के दौरान लोगों ने अस्थाई रोजगार शुरू किया। स्मार्टफोन के कारण लोग ऑनलाइन जुड़ने लगे, जिससे डिलिवरी व लॉजिस्टिक्स की मांग भी बढ़ी।
इससे उत्पन्न नए तरह के खतरे –
- कंपनियां करों के भुगतान से बचने के लिए गिग वर्कर्स को गलत तरह से वर्गीकृत कर उनका शोषण करती हैं।
- इन्हें कम भुगतान किया जाता है।
- इन पर डाटा व शोध की कमी है, जिससे नीति निर्माताओं को उनका सही आकार व दायरा पता नही चलता। इस कारण इन पर सही नीतियों का भी अभाव होता है।
केंद्र को क्या करना चाहिए?
इनकी सामाजिक सुरक्षा के लिए नीतियां बनानी चाहिए। कंपनियों को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए। कौशल सुधार के लिए शिक्षण व प्रशिक्षण की भी व्यवस्था हो। कंपनियों को टैक्स छूट व अन्य तरीके से गिग इकोनॉमी में नवाचार के लिए प्रेरित करना चाहिए। महिलाओं की भागीदारी के लिए बुनियादी ढाँचे का निर्माण करना चाहिए। समान श्रम अधिकार होने चाहिए।
दुनिया में तथा भारत में इसके लिए अभी तक क्या हुआ?
- ब्रिटेन में कर्मचारी व स्वरोजगार के बीच की एक श्रेणी को गिग वर्कर माना गया। इसके लिए न्यूनतम वेतन, सवेतन अवकाश, सेवानिवृत्ति लाभ और हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा है।
- इंडोनेशिया में गिग वर्कर्स दुर्घटना, स्वास्थ्य और लाइफ इंश्योरेंस के पात्र होते हैं।
- राजस्थान प्लेटफार्म बेस्ड गिग वर्कर्स (रजिस्ट्रेशन एंड वेलफेयर) विधेयक,2023 देश का पहला विधेयक है, जो गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देता है।
- कर्नाटक के विधेयक में इन्हें सामाजिक सुरक्षा दी गई है। नौकरी से हटाने के 14 दिन पहले नोटिस देना होगा। हर हफ्ते भुगतान करना होगा।
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