हवा और पानी की गुणवत्ता को संपत्ति दरों से जोड़ने का प्रस्ताव

Afeias
16 Dec 2024
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हाल ही में एक नामी कंपनी के सीईओ ने सार्वजनिक स्वास्थ्य पर वायु प्रदुषण के प्रभाव को उजागर करते हुए डेटा साझा किया है। यह भी कहा है कि यह केवल दिल्ली की नहीं, बल्कि कई भारतीय शहरों की परेशानी है। इससे मुक्ति के लिए उन्होंने कुछ प्रस्ताव दिए हैं।

कुछ बिंदु –

  • हवा और पानी की गुणवत्ता को संपत्ति की दरों में जोड़ा जाना चाहिए। वास्तव में यह घर के मालिकों और समुदायों को स्वच्छ वायु और पानी को प्राथमिकता देने के लिए प्रेरित करेगा।
  • यह प्रस्ताव कई अर्थशास्त्रियों और पर्यावरणविदों के द्वारा एक लंबे समय से चले आ रहे तर्क से प्रेरित है। इस तर्क के अनुसार लोगों को प्रकृति का महत्व समझाने और उसकी रक्षा करने के लिए, उन्हें इससे प्राप्त सेवाओं के लिए भुगतान करना चाहिए।
  • एक राष्ट्र की प्रगति में इसके प्राकृतिक पूंजी आधार को भी ध्यान में रखना चाहिए, क्योंकि जीडीपी तो केवल उत्पादन को आधार मानती है, खुशहाली और कल्याण को नहीं।
  • जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव के चलते हमारे जैसे समाजों को प्राकृतिक संसाधन आधार को प्राथमिकता देनी ही चाहिए।
  • समस्या यह है कि इस प्रकार की सेवाओं का मूल्य कैसे तय किया जाए, क्योंकि प्रकृति गतिशील होती है।

नागरिकों को अपने क्षेत्र और मकान से जुड़ी दरों से प्रकृति के महत्व को जल्दी समझाया जा सकता है। व्यक्तिगत लाभ या हानि से जुड़कर ही लोग जागते हैं। इस पर विचार किया जाना चाहिए।

 ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 27 नवंबर 2024