स्टार्टअप्स की असफला के प्रमुख कारण
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परिचय – यद्यपि स्टार्टअप हमें सभी आर्थिक चुनौतियों का समाधान प्रतीत होता है। लेकिन सिक्के का दूसरा पहलू भी है। हमारी अपेक्षाएँ है कि स्टार्टअप को अच्छा रोजगार तैयार करना चाहिए, हमारी अर्थव्यवस्था को टेक्नालॉजी से संबंधित दिग्गज कंपनियों से बचाना चाहिए। सरकार भी प्रत्येक वर्ष पिछले वर्ष से अधिक स्टार्टअप पंजीकृत करती है। IIT व IIM ने भी अपने स्टार्टअप केंद्र स्थापित किए है।
वहीं हमें अमेरिका तथा भारत के आंकड़ों से ज्ञात होता है कि 90% स्टार्टअप 10 साल में बंद हो जाते है अर्थात् 10 में से 9 अस्टार्टअप अपनी मंजिल तक नहीं पहुँच पाते है। इसीलिए हमें स्टार्टअप की असफलता को स्वीकार करना भी सीखना होगा।
स्टार्टअप की असफलता के कारण –
- स्टार्टअप द्वारा बनाए गए उत्पाद या सेवा, बाजार को लुभाने में असफल रहते है।
- स्टार्टअप को शुरूआत में जो पूँजी मिलती है, वह बहुत जल्दी ही खत्म हो जाती है।
- ये सही कौशल से लैस लोगों को नौकरी पर नहीं रख पाते।
- रुपये में अचानक गिरावट आने से इनके लाभ पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
- स्टार्टअप के लिए आवश्यक वस्तु पर भारी आयात शुल्क के कारण इनके उत्पाद महंगे हो जाते है। इसके कारण से प्रतिस्पर्धी नहीं बन पाते।
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