
विमानन से जुड़ी कुछ सच्चाईयाँ
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अहमदाबाद में हुई भयानक विमान त्रासदी के बाद भारतीय नागरिक विमानन क्षेत्र के कुछ संरचनात्मक मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है-
- सबसे पहले, विमानन क्षेत्र पर एक प्रकार से इंडिगो और एयर इंडिया का एकाधिकार हो गया है। इन दोनों एयरलाइनों का 90% हिस्सा है। यह बढ़ते हवाई यातायात के लिए असंगत है। एयरलाइनों के बड़े समूह से मूल्य निर्धारण सहित कई मुद्दों को हल किया जा सकता है।
- दूसरे, वित्तीय स्तर पर जूझ रहीं एयरलाइनें सुरक्षा और इंजीनियरिंग में कटौती कर रही हैं। डीजीसीए ने इसके लिए उन्हें दंडित भी किया है।
- विश्वसनीय इंजन पर स्विच करने में तेजी लानी चाहिए। इस वर्ष मार्च तक 133 विमान (उद्योग के कुल बेड़े का 16%) प्रैट एंड व्हिटनी इंजन के कारण खड़े रहे।
- भारत को वर्तमान में लगभग 11,745 पायलटों के अलावा 2030 तक अतिरिक्त 10,900 पायलटों की जरूरत है।
यात्री यातायात के मामले में भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार है। एयर कार्गों के लिए भी छठा सबसे बड़ा बाजार है। यह क्षेत्र आगे के विस्तार के लिए तैयार हो, इस हेतु उपरोक्त कमियों को दूर किया जाना चाहिए।
‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 13 मई, 2025