तमिल मछुआरों की समस्या

Afeias
05 Oct 2023
A+ A-

To Download Click Here.

भारत और श्रीलंका के बीच समुद्र में मछली पकड़ने को लेकर लगातार चार दशकों से संघर्ष चलता आ रहा है। हाल में ही भारतीय मछुआरों पर फिर से हमला हुआ है। उनको मारा-पीटा गया और उनका सामान छीन लिया गया था। इतना ही नहीं, पिछली कुछ घटनाओं में कई भारतीय मछुआरों की जान भी जा चुकी है। तमिलनाडु के मछुआरों का कहना है कि ऐसा उत्पात श्रीलंकाई नौसेना के लोग करते हैं।

समाधान क्या है?

  • इस समस्या पर दोनों देशों के मछुआरों और सरकारी स्तर पर कई बार बात हो चुकी है। लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पाया है।
  • श्रीलंका की नौसेना, भारतीय मछुआरों पर अंतरराष्ट्रीय समुद्री रेखा से परे जाने का आरोप लगाकर गिरफ्तार करती जाती है। हालांकि उन्हें श्रीलंका में अदालती कार्यवाही के बाद रिहा कर दिया जाता है।
  • कई मछुआरे और नेता मानते हैं कि 285 एकड़ की निर्जन और बंजर भूमि वाले टापू कच्चातिवू को भारत को फिर से ले लेना चाहिए। इससे स्थायी समाधान निकल सकता है। ज्ञातव्य हो कि 1974 में भारत ने इसे श्रीलंका को सौंप दिया था।
  • ऐसा आरोप लगाया जाता रहा है कि रामेश्वरम् से 14 समुद्री मील दूर स्थित इस टापू के श्रीलंका के पास चले जाने से भारतीय मछुआरों के लिए मछली पकड़ने का क्षेत्र बहुत कम हो गया है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने भारत-श्रीलंका के बीच हुए इस टापू के समझौते को पुनर्जीवित करने की कोशिश की है। अब विदेश मंत्रालय से उम्मीद की जा सकती है कि वह इस मामले को श्रीलंका सरकार के साथ उठाए और भारतीय मछुआरों के लिए कोई स्थायी समाधान निकालने का प्रयास करे।

‘द हिंदू’ में प्रकाशित एस. गणेशन के लेख पर आधारित। 31 अगस्त, 2023