रिमोट मतदान की सुविधा शुरू हो

Afeias
06 Jul 2022
A+ A-

To Download Click Here.

चुनाव आयोग ने प्रवासी कामगारों के लिए रिमोट वोटिंग की संभावना तलाशने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट चलाया है। यह कदम चुनावी लोकतंत्र में बड़ा महत्वपूर्ण है। लोकतंत्र में जब प्रत्येक नागरिक को वोट डालने का उचित अवसर मिलता है, तो वह सार्थक और न्यायसंगत हो जाता है।

2019 के लोकसभा चुनावों में कुल 91 करोड़ मतदाताओं में से 30 करोड़ ने मतदान नहीं किया था। यदि मतदान से परहेज करने वालों को छोड़ दें, तो इस बात की बहुत संभावना है कि बहुत से लोग मतदान के लिए पंजीकृत अपने क्षेत्र में नहीं थे। इन सबके मद्देनजर चुनाव आयोग का यह कदम प्रशंसनीय है। हालांकि, इसमें चुनौतियां भी कम नहीं हैं –

  • लॉजिस्टिक की समस्या होगी। प्रवासियों को मैप करना होगा, और फिर रिमोट वोटिंग के लिए नामांकन करना होगा।
  • चुनाव के दिन तकनीकी चुनौतियां होंगी। मतदाता पहचान की पुष्टि करना और ईवीएम पर डाले गए वोट को सही बूथ और निर्वाचन क्षेत्र में पहुंचाना होगा।
  • इसके अलावा, जो दूरस्थ मतदान के लिए सूचीबद्ध हैं, लेकिन व्यक्तिगत या अन्य आपात स्थितियों के कारण अपने अधिवास मतदान केंद्रों पर उपस्थित होते हैं, तो उन्हें किस श्रेणी में मतदान कराया जाएगा।

समस्याएं तो आएंगी, लेकिन संस्थागत और राजनीतिक इच्छाशक्ति से मुश्किलों को दूर किया जा सकता है। पिछली लोकसभा ने अप्रवासी भारतीयों को प्रॉक्सी वोटिंग की सुविधा देने के लिए विधेयक पारित किया था। परंतु यह विधेयक निरस्त हो गया। ऐसे सुधारों को क्रॉस-पार्टी समर्थन मिलना चाहिए। इस पायलट परियोजना का काम जल्द-से-जल्द शुरू किया जाना चाहिए, ताकि 2024 के आम चुनावों में अधिक से अधिक मतदाताओं को लाभ मिल सके।

‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 9 जून, 2022